RIVISION; कक्षा 10,CHP-6; "विनिर्माण उद्योग"

🌟 विनिर्माण उद्योग - सरल नोट्स (Class 10 Geography) (कक्षा 10 – समकालीन भारत-2)

यहाँ "विनिर्माण उद्योग" पर आधारित सरल और बिंदुवार (Point-wise) नोट्स दिए गए हैं — जो आपको परीक्षा और रिवीजन के लिए बहुत मदद करेंगे:


🌟 विनिर्माण उद्योग - सरल नोट्स (Class 10 Geography)

📌 विनिर्माण क्या है?

  • कच्चे पदार्थ को मूल्यवान वस्तुओं में बदलना = विनिर्माण (Manufacturing)
  • यह प्रक्रिया बड़ी मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को दर्शाती है।
  • उदाहरण:

  • कागज – लकड़ी से
  • चीनी – गन्ने से
  • स्टील – लौह अयस्क से
  • एल्यूमिनियम – बॉक्साइट से
  • वस्त्र (कपड़े) – रेशा उद्योग से

📌 विनिर्माण उद्योग के प्रकार

बड़े उद्योग:
  • जैसे – जूते, कपड़े, चीनी
  • मशीनों से बड़े पैमाने पर उत्पादन
छोटे उद्योग:
  • जैसे – बर्तन आदि
  • कम मशीनों या हाथ से कार्य
घरेलू उद्योग:
  • कारीगरों द्वारा घर पर तैयार
  • जैसे – दीपक बनाना

📌 विनिर्माण का महत्व (Why it is important?)

  1. आर्थिक विकास की रीढ़ :देश की तरक्की में अहम भूमिका
  2. कृषि में मददगार : पंप, उर्वरक, कीटनाशक आदि कृषि उत्पादकता बढ़ाते हैं
  3. रोजगार में वृद्धि : द्वितीयक व तृतीयक क्षेत्रों में रोजगार देता है , गरीबी और बेरोजगारी घटाता है
  4. क्षेत्रीय असमानता में कमी : पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग स्थापित कर विकास लाया गया
  5. निर्यात व विदेशी मुद्रा में योगदान: तैयार माल का निर्यात = विदेशी मुद्रा की प्राप्ति
  6. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती: गुणवत्तापूर्ण वस्तुएँ = अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा

📌 कृषि और उद्योग का संबंध

  • उद्योग = कृषि का पूरक
  • कृषि → उद्योग को कच्चा माल देती है
  • उद्योग → किसान को उर्वरक, औजार, पंप आदि देता है
  • दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं

📌 भारत में विनिर्माण उद्योग का योगदान

  1. GDP में योगदान:

  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कुल योगदान = 27%
  • विनिर्माण का हिस्सा = 17%
  • बाकी 10% = खनिज, गैस, बिजली
  1. अन्य देशों की तुलना में भारत पिछड़ा

  • अन्य एशियाई देशों में विनिर्माण का योगदान = 25-35%
  1. वृद्धि दर (Growth Rate):
  • 1 दशक में वृद्धि दर = 7% प्रति वर्ष
  • लक्ष्य: 12% प्रति वर्ष
  • 2003 से वृद्धि = 9-10% प्रति वर्ष
  1. उन्नति के प्रयास:

  • सरकार ने बनाई: National Manufacturing Competitiveness Council (NMCC)
  • उद्देश्य: भारत को औद्योगिक रूप से मजबूत व प्रतिस्पर्धी बनाना

🏭 औद्योगिक अवस्थिति (Industrial Location)

🔹 उद्योग कहां और क्यों स्थापित होते हैं?

  • उद्योग स्थापित करने में कई बातें देखी जाती हैं:
  • कच्चा माल (Raw Material)
  • श्रमिक (Labour)
  • पूँजी (Capital)
  • शक्ति के स्रोत (Power)
  • बाजार (Market)
  • परिवहन (Transport)
  • ये सभी चीजें एक ही जगह मिलना मुश्किल होता है, इसलिए वही जगह चुनी जाती है जहाँ ये सस्ती और आसानी से मिल जाएँ।

🔹 उद्योग और नगरीकरण (Urbanization) का संबंध

  • जैसे ही उद्योग लगते हैं, वहाँ नगरीकरण (शहर बसना) शुरू होता है।
  • कई बार उद्योग शहरों में या उनके पास लगाए जाते हैं।
  • शहर उद्योगों को कई सुविधाएँ देते हैं:
  • बैंकिंग
  • बीमा
  • परिवहन
  • श्रमिक
  • वित्तीय सलाह

🔹 समूहन बचत (Agglomeration Economies)

  • जब कई उद्योग एक जगह पर एकत्र होते हैं, तो उन्हें बहुत सी सुविधाएँ मिलती हैं।
  • इसी को समूहन बचत कहते हैं।
  • इससे उस क्षेत्र में बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बन जाता है।

🔹 ऐतिहासिक अवस्थिति

  • स्वतंत्रता से पहले भारत में उद्योगों की स्थापना व्यापारिक बंदरगाहों जैसे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई में हुई थी।
  • ये शहर कृषि क्षेत्रों (हिंटरलैंड) से घिरे थे।

🔹 उद्योग की स्थापना का निर्णय किन पर निर्भर करता है?

  1. कच्चे माल को लाने की लागत
  2. उत्पादन की लागत
  3. बाजार तक पहुँच
  4. सरकारी नीतियाँ
  5. निपुण श्रमिकों की उपलब्धता

🧩 उद्योगों का वर्गीकरण (Classification of Industries)

🔹 1. कच्चे माल के आधार पर

✅ कृषि आधारित उद्योग:

  • सूती वस्त्र
  • ऊनी वस्त्र
  • चीनी
  • चाय, कॉफी
  • वनस्पति तेल

✅ खनिज आधारित उद्योग:

  • लोहा-इस्पात
  • सीमेंट
  • मशीन, औजार
  • एल्यूमिनियम
  • पेट्रोकेमिकल

🔹 2. भूमिका (Function) के आधार पर

✅ आधारभूत उद्योग (Basic Industry):

  • इन पर अन्य उद्योग निर्भर होते हैं।
  • उदाहरण: लोहा-इस्पात, ताँबा, एल्यूमिनियम

✅ उपभोक्ता उद्योग (Consumer Industry):

  • सीधा उपयोग करने वाली वस्तुएँ बनाते हैं।
  • उदाहरण: टूथपेस्ट, सिलाई मशीन, पंखा, कागज़

🔹 3. पूँजी निवेश के आधार पर

✅ लघु उद्योग (Small Scale): कम पूँजी लगती है (अब ₹1 करोड़ तक निवेश मान्य है)

✅ वृहद/बड़े उद्योग (Large Scale): बहुत अधिक पूँजी लगती है


🔹 4. स्वामित्व के आधार पर

✅ सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector):

  • सरकार के स्वामित्व में
  • उदाहरण: BHEL, SAIL

✅ निजी क्षेत्र (Private Sector):

  • किसी व्यक्ति या कंपनी के स्वामित्व में
  • उदाहरण: टिस्को, बजाज ऑटो, डाबर

✅ संयुक्त क्षेत्र (Joint Sector):

  • सरकार + निजी क्षेत्र मिलकर चलाते हैं
  • उदाहरण: ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)

✅ सहकारी क्षेत्र (Cooperative Sector):

  • कच्चा माल देने वाले, श्रमिक आदि मिलकर चलाते हैं
  • लाभ-हानि का बँटवारा होता है
  • उदाहरण: महाराष्ट्र के चीनी मिल, केरल के नारियल उद्योग

🔹 5. वस्तु के वजन के आधार पर

✅ भारी उद्योग (Heavy Industry):

  • भारी कच्चे माल और भारी उत्पाद
  • उदाहरण: लोहा-इस्पात उद्योग

✅ हल्के उद्योग (Light Industry):

  • हल्के कच्चे माल और तैयार उत्पाद
  • उदाहरण: इलेक्ट्रॉनिक्स (TV, बल्ब, ट्रांजिस्टर)

निष्कर्ष (Conclusion)

  • उद्योग लगाने से शहर बनते हैं और आर्थिक विकास होता है।
  • उद्योगों का वर्गीकरण समझकर हम उनके स्वरूप को बेहतर समझ सकते हैं।
  • भारत में उद्योगों को सही स्थान पर लगाना और उनका विस्तार करना आवश्यक है।

🟩 1. कृषि आधारित उद्योग क्या हैं?

  • ये उद्योग कृषि से प्राप्त कच्चे माल पर आधारित होते हैं।

✳️ मुख्य उदाहरण:

  • सूती वस्त्र उद्योग
  • पटसन उद्योग
  • ऊनी वस्त्र
  • रेशम उद्योग
  • चीनी उद्योग
  • वनस्पति तेल उद्योग

🟦 2. वस्त्र उद्योग का महत्त्व

  • वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख उद्योग है।
  • यह कच्चे माल से तैयार वस्तु तक की पूरी प्रक्रिया को आत्मनिर्भर रूप से करता है।
  • औद्योगिक उत्पादन में इसका विशेष योगदान है।

🧵 3. सूती वस्त्र उद्योग (Cotton Textile Industry)

📍 इतिहास:

  • प्राचीन भारत में: हाथ से कताई और हथकरघा से वस्त्र बनाए जाते थे।
  • 18वीं शताब्दी के बाद: विद्युत चालित करघों का उपयोग शुरू हुआ।
  • औपनिवेशिक काल:
  • इंग्लैंड के मशीन-निर्मित वस्त्रों से भारतीय उद्योगों को नुकसान हुआ।भारत का पहला सफल कपड़ा मिल:
  • 1854 में मुंबई में स्थापित हुआ।

📍 औपनिवेशिक काल में अवसर:

  • जब यूरोप दो विश्व युद्धों में उलझा था, तब भारत को कपड़ा आपूर्ति का मौका मिला।
  • इससे भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को बढ़ावा मिला।

📍 स्थानीयकरण के कारण (स्थापना के कारण):

  1. कपास की उपलब्धता
  2. बाजार की नजदीकी
  3. परिवहन सुविधा
  4. बंदरगाहों की निकटता
  5. श्रमिकों की उपलब्धता
  6. नमीयुक्त जलवायु

📍 इस उद्योग से जुड़े लोग:

  • किसान, कपास चुनने वाले
  • कताई व बुनाई करने वाले
  • रंगाई, छपाई, डिजाइन, सिलाई वाले
  • पैकेजिंग व इंजीनियरिंग से जुड़े लोग

➡️ इससे अन्य उद्योगों जैसे रसायन, रंग, मिल स्टोर, पैकेजिंग, इंजीनियरिंग को भी बढ़ावा मिलता है।

📍 उत्पादन की स्थिति:

  • कताई: महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु में केंद्रित
  • बुनाई: विकेंद्रीकृत, पूरे देश में फैली हुई
  • बुनाई के तरीके:
  • हथकरघा
  • विद्युत करघा
  • मिलों में

📍 खादी उद्योग:

  • हाथ से बनी खादी, कुटीर उद्योग का हिस्सा है।
  • यह घरों में रोजगार देता है।

🟧 4. समस्याएँ (Challenges in Cotton Textile Industry)

  1. बुनाई का कमजोर ढांचा

  • उच्च गुणवत्ता के धागे का उपयोग नहीं हो पाता
  • बुनाई क्षेत्र बिखरा हुआ और कमज़ोर है
  1. ज्यादा धागा निर्यात

  • सूती धागा बाहर भेजा जाता है
  • जबकि देश में परिधान बनाने वालों को कपड़ा आयात करना पड़ता है
  1. बिजली की समस्या

  • बुनाई और मशीनें अनियमित बिजली से प्रभावित होती हैं
  1. मशीनों की कमी :नई और आधुनिक मशीनों का अभाव
  2. कम श्रमिक उत्पादकता

  3. कृत्रिम वस्त्र उद्योग से प्रतिस्पर्धा


🟪 5. व्यापार और निर्यात

  • भारत जापान को सूत निर्यात करता है।
  • अन्य आयातक देश:
  • अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, फ्रांस
  • पूर्वी यूरोप, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, अफ्रीका
  • भारत का हिस्सा: विश्व के सूती रेशे व्यापार में 1/4 (एक चौथाई) भाग


🟫 6. मूल्य संवर्धन (Value Addition)

  • धागा → ₹85 प्रति किलोग्राम
  • पतलून → ₹800 प्रति किलोग्राम

🔺 हर स्तर पर उत्पाद का मूल्य बढ़ता है
🔺 इसलिए देश को धागा निर्यात की बजाय परिधान निर्माण पर जोर देना चाहिए


🟨 7. सुधार की आवश्यकता

  • बुनाई क्षेत्र को मज़बूत करना
  • मशीनरी आधुनिकीकरण
  • बिजली आपूर्ति में सुधार
  • श्रमिकों को प्रशिक्षित करना
  • निर्यात के बजाय खुद कपड़े व परिधान बनाकर अधिक मूल्य कमाना

📘 पटसन उद्योग (Jute Industry) - सरल बिंदु में नोट्स

📍 भारत में स्थिति

  • भारत पटसन (जूट) और उससे बने उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • बांग्लादेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।

🏭 उद्योग की संख्या और स्थान

  • वर्ष 2010-11 तक भारत में लगभग 80 पटसन मिलें थीं।
  • इनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल में स्थित हैं।
  • ये मिलें हुगली नदी के किनारे 98 किमी लंबी और 3 किमी चौड़ी पट्टी में फैली हैं।

🏛️ इतिहास

  • भारत की पहली पटसन मिल वर्ष 1855 में रिशरा (कोलकाता के पास) में स्थापित हुई।
  • 1947 में विभाजन के बाद: मिलें भारत में रहीं। लेकिन पटसन उत्पादन का 3/4 हिस्सा बांग्लादेश चला गया।

📦 हुगली नदी किनारे मिलें क्यों हैं? (मुख्य कारण)

  1. कच्चे माल (पटसन) का उत्पादन पास ही होता है।
  2. जल मार्ग सस्ता और उपलब्ध है।
  3. सड़क, रेल और जल परिवहन की अच्छी सुविधा।
  4. पटसन को संसाधित करने के लिए भरपूर जल चाहिए।
  5. सस्ते श्रमिक - पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश से आते हैं। 
  6. कोलकाता में: बैंकिंग और बीमा सुविधा , निर्यात के लिए पत्तन (पोर्ट) सुविधा

⚠️ चुनौतियाँ (Problems / Challenges)

  • कृत्रिम रेशों (synthetic fibres) से कड़ी प्रतियोगिता।
  • बांग्लादेश, ब्राजील, फिलीपीन्स, मिश्र, थाईलैंड जैसे देशों से मुकाबला।
  • उत्पादों में विविधता (variety) की कमी।

📈 सरकारी प्रयास और अवसर

  • भारत सरकार ने जूट पैकिंग को अनिवार्य कर दिया है → जिससे घरेलू माँग बढ़ी।
  • प्राकृतिक (जैविक) और बायोडीग्रेडेबल उत्पादों की माँग दुनियाभर में बढ़ रही है।
  • इससे जूट उद्योग को नया अवसर मिला है।

🌍 प्रमुख निर्यातक देश (Major Buyers)

  • अमेरिका, कनाडा, घाना, सऊदी अरब, यूके (ब्रिटेन), ऑस्ट्रेलिया


🏭 1. चीनी उद्योग (Sugar Industry) – आसान बिंदुओं में नोट्स

📌 भारत की स्थिति

  • विश्व में दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक
  • गुड़ और खांडसारी उत्पादन में पहला स्थान

📦 कच्चे माल की विशेषता

  • गन्ना भारी होता है।
  • ज्यादा दूर ले जाने से गन्ने में सूक्रोस की मात्रा कम हो जाती है, इसलिए मिलें खेतों के पास लगाई जाती हैं।

🗺️ मुख्य राज्य जहाँ चीनी मिलें हैं

  • 60% मिलें उत्तर प्रदेश और बिहार में
  • इसके अलावा: महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश।

🧩 महाराष्ट्र में मिलों की संख्या क्यों बढ़ रही है?

  • गन्ने में अधिक सूक्रोस होता है।
  • जलवायु ठंडी है → अच्छी गुणवत्ता मिलती है।
  • सहकारी समितियाँ सफल रही हैं।

⚠️ मुख्य समस्याएँ / चुनौतियाँ

  1. यह उद्योग मौसमी (सीज़नल) है।
  2. पुरानी तकनीक का इस्तेमाल होता है।
  3. परिवहन की समस्या – गन्ना समय से मिल तक नहीं पहुँचता।
  4. खोई (Baggasse) का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता।

⚙️ 2. खनिज आधारित उद्योग (Mineral-Based Industries)

📌 परिभाषा:

  • वे उद्योग जो खनिज और धातु का इस्तेमाल कच्चे माल की तरह करते हैं।
👉 उदाहरण: लोहा-इस्पात उद्योग, सीमेंट, एल्युमिनियम, तांबा उद्योग आदि।

🔩 3. लोहा तथा इस्पात उद्योग – सरल नोट्स

📌 महत्त्व

  • एक बुनियादी (Basic) उद्योग है → अन्य उद्योगों की मशीनें इसी से बनती हैं।
  • इसका उत्पादन और खपत एक देश की विकास दर को दर्शाता है।

⚙️ क्यों भारी उद्योग है?

  • कच्चा माल और तैयार माल दोनों भारी होते हैं।
  • परिवहन लागत ज़्यादा आती है।

🧪 इस्पात बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल का अनुपात

  • लौह अयस्क : कोकिंग कोल : चूना पत्थर = 4 : 2 : 1
  • इस्पात को मजबूत बनाने के लिए मैंगनीज मिलाया जाता है।

📊 भारत का उत्पादन (2010–2017)

वर्ष उत्पादन (मिलियन टन में)
2010 68.62
2011 75.70
2012 81.68
2013 87.67
2014 91.00
2015-16 92.16
2016-17 101.3

📌 2016 में भारत विश्व में इस्पात उत्पादन में तीसरे स्थान पर था।


🤔 भारत में प्रति व्यक्ति खपत कम क्यों?

  • उत्पादन अधिक होने के बावजूद प्रति व्यक्ति खपत केवल 63 किग्रा/वर्ष थी।
  • विश्व औसत = 208 किग्रा/वर्ष

🏭 प्रमुख इस्पात संयंत्र (Plants)

  • भारत में लगभग 10 प्रमुख संयंत्र और कई छोटे संयंत्र (मिनी प्लांट्स) हैं।


🏗️ मिनी और संकलित इस्पात संयंत्र में अंतर

बिंदु मिनी संयंत्र संकलित संयंत्र
आकार छोटा बड़ा
ईंधन विद्युत भट्टी कोक और ब्लास्ट फर्नेस
कच्चा माल स्क्रैप, स्पंज आयरन लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर
उत्पाद हल्का स्टील, मिश्रित स्टील सभी प्रकार का इस्पात
क्रिया सिर्फ उत्पादन कच्चे माल से लेकर उत्पाद तक सभी प्रक्रिया

🏔️ छोटानागपुर पठार – इस्पात उद्योगों का केंद्र क्यों?

  • लौह अयस्क और कोयला पास में
  • सस्ते मजदूर और जल स्रोत
  • स्थानीय बाजार और मांग
  • बिजली और पानी की उपलब्धता

⚠️ मुख्य समस्याएँ

  1. कोकिंग कोल की कमी
  2. ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति
  3. अविकसित परिवहन और अवसंरचना
  4. कम श्रमिक उत्पादकता
  5. हम उच्च गुणवत्ता वाला स्टील आयात करते हैं

सरकार और निजी प्रयास

  • उदारीकरण, FDI, और निजी निवेश से उद्योग को बढ़ावा मिला।
  • रिसर्च और नई तकनीक लाकर इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा रहा है।

🌟 एल्यूमिनियम प्रगलन (Smelting) उद्योग

✨ विशेषताएँ:

  • भारत में दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण धातु शोधन उद्योग है।
  • यह हल्का, जंग-रोधी, लचीला और ऊष्मा का अच्छा चालक होता है।
  • इस्पात, ताँबा, जस्ता आदि का विकल्प बनता जा रहा है।

🛠 उपयोग:

  • हवाई जहाज, बर्तन, तार, और अन्य उपकरण बनाने में प्रयोग।

📍 स्थान:

  • ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु।

⚙ कच्चा माल:

  • बॉक्साइट (भारी लाल चट्टान जैसा खनिज) से एल्युमिनियम बनाया जाता है।

⚡ आवश्यकताएँ:

  • लगातार और सस्ती विद्युत आपूर्ति
  • कम कीमत पर बॉक्साइट की उपलब्धता

⚗️ रसायन उद्योग

🧪 विशेषताएँ:

  • GDP में 3% योगदान
  • एशिया में तीसरा सबसे बड़ा, विश्व में 12वाँ स्थान।
  • लघु और बड़े दोनों प्रकार की इकाइयाँ शामिल।

🔬 प्रमुख उत्पाद:

अ) अकार्बनिक रसायन:

  • सल्फ्यूरिक अम्ल – उर्वरक, कपड़ा, प्लास्टिक आदि में।
  • नाइट्रिक अम्ल, कास्टिक सोडा, सोडा ऐश – काँच, साबुन, कागज़ में।

➡️ देश में फैले हैं क्योंकि इनकी माँग हर जगह है।

ब) कार्बनिक रसायन:

  • पेट्रोरसायन – प्लास्टिक, रबर, दवाई, कृत्रिम वस्त्र आदि में।
  • ये तेल रिफाइनरी या पेट्रोरसायन प्लांट के पास होते हैं।

🌱 उर्वरक उद्योग

🌾 उद्देश्य:खेती के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व (N, P, K) की पूर्ति।

📦 प्रकार:

  1. नाइट्रोजनिक – यूरिया।
  2. फास्फेटिक – DAP, अमोनियम फॉस्फेट।
  3. मिश्रित उर्वरक – तीनों पोषक तत्वों का मिश्रण।

📉 पोटाश:

  • भारत में नहीं है, 100% आयात करना पड़ता है।

📍 प्रमुख राज्य:

  • गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल – कुल उत्पादन का 50%
  • अन्य: आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, असम, आदि।

🏗 सीमेंट उद्योग

🧱 उपयोग:

  • घर, पुल, बाँध, सड़क, हवाई अड्डा जैसे निर्माण कार्यों में।

🔧 कच्चा माल:चूना पत्थर, सिलिका, जिप्सम, कोयला, बिजली आदि।

📍 स्थान:

  • गुजरात (निर्यात के लिए खाड़ी देशों के पास)।
  • अन्य राज्य: तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़।

📈 विशेषताएँ:

  • पहला कारखाना 1904 में चेन्नई में।
  • गुणवत्ता सुधार के कारण देशी और विदेशी माँग में वृद्धि।

🚗 मोटरगाड़ी उद्योग

🚙 उपयोग:

  • यात्री व सामान परिवहन के लिए वाहन बनाना।

🔧 उत्पाद:

  • ट्रक, बस, कार, मोटरसाइकिल, स्कूटर, तिपहिया, बहुउपयोगी वाहन।

📈 विशेषताएँ:

  • उदारीकरण के बाद कार और दोपहिया वाहन की माँग बढ़ी।

📍 स्थान:

  • दिल्ली, गुड़गाँव, मुंबई, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद, जमशेदपुर, बेंगलुरु।


🖥️ सूचना प्रौद्योगिकी और इलैक्ट्रोनिक उद्योग

📌 मुख्य उत्पाद

  • ट्रांजिस्टर, टीवी, टेलीफोन
  • मोबाइल, टेलीफोन एक्सचेंज
  • राडार, कंप्यूटर
  • दूरसंचार उपकरण

📍 प्रमुख केंद्र

  • बेंगलुरु – भारत की इलेक्ट्रॉनिक राजधानी
  • अन्य: मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, नोएडा

✅ कारण

  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का विकास
  • निर्यात की सुविधा और तकनीकी कुशल श्रमिक

🏭 औद्योगिक प्रदूषण और पर्यावरण क्षरण

❗प्रमुख प्रदूषण

  1. वायु प्रदूषण

  • कारण: सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड
  • स्रोत: रसायन, कागज़, ईंट भट्टा, तेल रिफाइनरी, प्रगलन उद्योग
  • असर: स्वास्थ्य पर बुरा असर, जैसे साँस की बीमारी
  1. जल प्रदूषण

  • स्रोत: कागज़, रंगाई, चमड़ा, रसायन, पेट्रोलियम उद्योग
  • जहरीले अपशिष्ट: सीसा, पारा, अम्ल, कीटनाशक
  • असर: जल में जैव विविधता पर प्रभाव
  1. तापीय प्रदूषण

  • गर्म पानी बिना ठंडा किए नदियों में डालना
  • असर: जलीय जीवन पर खतरा
  1. मिट्टी प्रदूषण

  • अपशिष्ट जैसे काँच, प्लास्टिक, धातुएँ आदि मिट्टी को खराब करते हैं
  1. ध्वनि प्रदूषण
  • स्रोत: मशीन, ड्रिल, जेनरेटर, कन्स्ट्रक्शन कार्य
  • असर: चिड़चिड़ापन, रक्तचाप, नींद में समस्या, बहरेपन की आशंका

♻️ प्रदूषण रोकने के उपाय

💧 जल बचाव के उपाय

  • कम से कम जल उपयोग
  • पुनर्चक्रण (recycle) कर दोबारा उपयोग
  • वर्षा जल संग्रहण
  • शोधन के 3 चरण:
  1. प्राथमिक – छँटाई, तलछट हटाना
  2. द्वितीयक – जैविक प्रक्रिया
  3. तृतीयक – रासायनिक व भौतिक प्रक्रिया

🌫️ वायु प्रदूषण नियंत्रण

  • ऊँची चिमनियाँ
  • इलेक्ट्रोस्टैटिक उपकरण
  • स्क्रबर
  • तेल/गैस का उपयोग (कोयले की बजाय)

🔇 ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण

  • साइलेंसर, कम शोर वाली मशीनें
  • शोर अवशोषक उपकरण
  • कानों की सुरक्षा हेतु ईयर प्रोटेक्शन

⚡ NTPC (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) की पर्यावरणीय पहलें

  • ISO प्रमाणित पर्यावरण प्रबंधन तंत्र
  • ईंधन व जल संरक्षण
  • पुराने संयंत्रों में सुधार
  • अधिकतम राख का उपयोग
  • हरियाली बढ़ाने की पहल
  • राख का सही प्रबंधन
  • सभी संयंत्रों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग

नीचे Class 10 Geography (NCERT) Chapter: "उद्योग" से जुड़े 20 MCQs (Mock Test - Set 1) दिए गए हैं।
प्रश्नों के अंत में उत्तर और व्याख्या भी दी गई है। यह सेट BPSC TRE 4 स्तर के अनुसार है।


📘 Mock Test – Set 1 (उद्योग | Class 10 Geography)

प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं, केवल एक सही है।


  1. भारत का पहला पटसन उद्योग कहाँ स्थापित किया गया था?
    (अ) कोलकाता
    (ब) रिशरा
    (स) हुगली
    (द) चंपारण

  2. भारत में अधिकांश पटसन उद्योग किस राज्य में स्थित हैं?
    (अ) बिहार
    (ब) उड़ीसा
    (स) पश्चिम बंगाल
    (द) झारखंड

  3. पटसन उद्योग मुख्यतः किस नदी के किनारे केंद्रित हैं?
    (अ) दामोदर
    (ब) गंगा
    (स) ब्रह्मपुत्र
    (द) हुगली

  4. भारत किस देश के बाद दूसरा सबसे बड़ा पटसन निर्यातक है?
    (अ) ब्राज़ील
    (ब) थाईलैंड
    (स) बांग्लादेश
    (द) चीन

  5. पटसन के निर्यात के लिए भारत का प्रमुख बंदरगाह कौन सा है?
    (अ) विशाखापत्तनम
    (ब) मुंबई
    (स) कोलकाता
    (द) कांडला

  6. भारत में कुल कितने पटसन उद्योग वर्ष 2010-11 तक थे?
    (अ) लगभग 60
    (ब) लगभग 70
    (स) लगभग 80
    (द) लगभग 90

  7. पटसन को संसाधित करने में कौन-सी प्राकृतिक आवश्यकता सबसे अधिक होती है?
    (अ) बिजली
    (ब) जल
    (स) धूप
    (द) मिट्टी

  8. भारत में पटसन उद्योग किन समस्याओं का सामना करता है?
    (अ) तकनीकी समस्याएँ
    (ब) अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा
    (स) श्रमिकों की कमी
    (द) उपरोक्त सभी

  9. भारत के किस विभाजन के बाद पटसन की खेती का अधिकांश क्षेत्र बांग्लादेश चला गया?
    (अ) 1911
    (ब) 1935
    (स) 1947
    (द) 1956

  10. पटसन के लिए मुख्य कच्चा माल कौन-सा है?
    (अ) कपास
    (ब) भांग
    (स) सन
    (द) जूट

  11. भारत में पटसन उद्योग का विकास किन राज्यों के सस्ते श्रमिकों पर निर्भर करता है?
    (अ) पंजाब, हरियाणा
    (ब) बिहार, उड़ीसा
    (स) राजस्थान, गुजरात
    (द) महाराष्ट्र, गोवा

  12. पटसन उत्पादों के कौन-से गुणों के कारण वैश्विक माँग में वृद्धि हो रही है?
    (अ) मजबूत
    (ब) रंगीन
    (स) जैवनिम्नीकरणीय और पर्यावरण अनुकूल
    (द) महंगे और टिकाऊ

  13. पटसन उत्पादों के प्रमुख विदेशी खरीददारों में कौन-सा देश शामिल नहीं है?
    (अ) कनाडा
    (ब) घाना
    (स) रूस
    (द) ऑस्ट्रेलिया

  14. पटसन उद्योग की कौन-सी सरकारी नीति घरेलू माँग बढ़ाने में सहायक रही है?
    (अ) निर्यात शुल्क
    (ब) मजदूरी नीति
    (स) पैंकिंग में अनिवार्यता
    (द) कृषि नीति

  15. निम्न में से किस देश से भारत को पटसन उत्पादों में प्रतिस्पर्धा मिलती है?
    (अ) मिश्र
    (ब) जापान
    (स) नॉर्वे
    (द) कनाडा

  16. पटसन उद्योग किस प्रकार का उद्योग है?
    (अ) खनन उद्योग
    (ब) कुटीर उद्योग
    (स) कृषि आधारित उद्योग
    (द) भारी उद्योग

  17. भारत में पटसन उद्योग की अधिकता किन दो तत्वों पर निर्भर करती है?
    (अ) कोयला और इस्पात
    (ब) सस्ता श्रम और जल परिवहन
    (स) बंदरगाह और रसायन
    (द) बिजली और तेल

  18. पटसन उत्पादों की मांग में विविधता लाने का मुख्य कारण क्या है?
    (अ) तकनीक का विकास
    (ब) बांग्लादेश से आयात
    (स) कृत्रिम रेशों से प्रतिस्पर्धा
    (द) जलवायु परिवर्तन

  19. पटसन उत्पादों के जैवनिम्नीकरणीय गुण का क्या लाभ है?
    (अ) सस्ता
    (ब) टिकाऊ
    (स) पर्यावरण के अनुकूल
    (द) चमकदार

  20. पटसन उद्योग को किन परिवहन माध्यमों का लाभ मिलता है?
    (अ) केवल जल
    (ब) जल, रेल, सड़क
    (स) केवल वायु
    (द) केवल सड़क


उत्तर तालिका:

प्रश्न उत्तर
1. (ब) रिशरा
2. (स) पश्चिम बंगाल
3. (द) हुगली
4. (स) बांग्लादेश
5. (स) कोलकाता
6. (स) लगभग 80
7. (ब) जल
8. (ब) अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा
9. (स) 1947
10. (द) जूट
11. (ब) बिहार, उड़ीसा
12. (स) जैवनिम्नीकरणीय और पर्यावरण अनुकूल
13. (स) रूस
14. (स) पैंकिंग में अनिवार्यता
15. (अ) मिश्र
16. (स) कृषि आधारित उद्योग
17. (ब) सस्ता श्रम और जल परिवहन
18. (स) कृत्रिम रेशों से प्रतिस्पर्धा
19. (स) पर्यावरण के अनुकूल
20. (ब) जल, रेल, सड़क

📚 संक्षिप्त व्याख्या:

  • रिशरा में 1855 में पहला पटसन उद्योग स्थापित हुआ।

  • पश्चिम बंगाल, खासकर हुगली तट पर उद्योग इसलिए केंद्रित हैं क्योंकि यहाँ जूट उत्पादन, जल परिवहन, सस्ता श्रम, और कोलकाता बंदरगाह जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

  • 1947 में विभाजन के बाद खेती का क्षेत्र बांग्लादेश चला गया लेकिन मिलें भारत में रह गईं।

  • भारत में 80 के करीब मिलें हैं और भारत बांग्लादेश के बाद सबसे बड़ा निर्यातक है।

  • सरकार द्वारा पैंकिंग में जूट को अनिवार्य करने से माँग बढ़ी है, साथ ही जैवनिम्नीकरणीय (biodegradable) होने के कारण भी इसकी वैश्विक माँग बढ़ रही है।


यह रहा SET 2: कक्षा 10 भूगोल (अध्याय – भारत में विनिर्माण उद्योग) पर आधारित 20 Mock Test Questions (MCQ format) BPSC TRE 4 लेवल पर।


SET 2: भारत में विनिर्माण उद्योग – Mock Test (20 MCQ)

1. भारत में पहला पटसन उद्योग कहाँ स्थापित हुआ था?
(अ) कोलकाता
(ब) रिशरा
(स) बैरकपुर
(द) हावड़ा

2. पटसन उद्योग की अधिकांश मिलें किस नदी के किनारे स्थित हैं?
(अ) यमुना
(ब) गंगा
(स) हुगली
(द) ब्रह्मपुत्र

3. भारत में कुल कितनी पटसन मिलें वर्ष 2010-11 में थीं?
(अ) 60
(ब) 75
(स) 80
(द) 85

4. पटसन उद्योग में कच्चे माल की सुगमता का प्रमुख कारण क्या है?
(अ) ऊँची कीमत
(ब) समुद्री परिवहन
(स) पास के पटसन उत्पादक क्षेत्र
(द) आयात

5. भारत, पटसन और इसके उत्पादों का निर्यातक विश्व में कौन सा स्थान रखता है?
(अ) पहला
(ब) दूसरा
(स) तीसरा
(द) चौथा

6. पटसन मिलों का प्रमुख केंद्र कहाँ है?
(अ) मुंबई
(ब) कटक
(स) कोलकाता
(द) चेन्नई

7. पटसन उद्योग की प्रमुख चुनौती क्या है?
(अ) तकनीकी प्रगति
(ब) श्रमिकों की अधिकता
(स) कृत्रिम रेशों से प्रतिस्पर्धा
(द) पत्तन सुविधा

8. भारत में पटसन उद्योग किन राज्यों से श्रमिक प्राप्त करता है?
(अ) तमिलनाडु, केरल
(ब) पंजाब, हरियाणा
(स) ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश
(द) असम, मेघालय

9. पटसन उद्योग को कौन-सी बात घरेलू स्तर पर समर्थन देती है?
(अ) उच्च निर्यात
(ब) खाद्य सुरक्षा अधिनियम
(स) सरकारी पैकेजिंग नीति
(द) विदेशी निवेश

10. पटसन को संसाधित करने में किस चीज की अधिक आवश्यकता होती है?
(अ) श्रम
(ब) बिजली
(स) जल
(द) ईंधन

11. विभाजन के बाद कौन-सा क्षेत्र जूट उत्पादन में चला गया?
(अ) नेपाल
(ब) बांग्लादेश
(स) म्यांमार
(द) श्रीलंका

12. कोलकाता बंदरगाह किस चीज में मदद करता है?
(अ) श्रमिक आपूर्ति
(ब) निर्यात सुविधा
(स) कच्चा माल
(द) बिजली आपूर्ति

13. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पटसन को किन देशों से प्रतिस्पर्धा मिलती है?
(अ) जापान, रूस
(ब) ब्राजील, थाईलैंड
(स) नेपाल, चीन
(द) अमेरिका, इटली

14. निम्न में से कौन सा पटसन उत्पादक देश नहीं है?
(अ) ब्राजील
(ब) थाईलैंड
(स) नॉर्वे
(द) बांग्लादेश

15. पटसन उद्योग किस मौसम की मिट्टी और जलवायु में फलता-फूलता है?
(अ) शुष्क और रेतीली
(ब) ठंडी और पथरीली
(स) नम और दोमट
(द) पर्वतीय और ठंडी

16. किस नीति ने घरेलू बाजार में पटसन की माँग बढ़ाई है?
(अ) नई शिक्षा नीति
(ब) पैकिंग की अनिवार्यता
(स) डिजिटल इंडिया
(द) स्मार्ट सिटी

17. निम्न में से कौन सा देश भारत से पटसन उत्पाद खरीदता है?
(अ) पाकिस्तान
(ब) कनाडा
(स) श्रीलंका
(द) भूटान

18. पटसन उद्योग के पुनरुत्थान का एक बड़ा कारण क्या है?
(अ) अधिक श्रमिक
(ब) अधिक मशीनें
(स) पर्यावरण जागरूकता
(द) महँगा निर्यात

19. पटसन का दूसरा नाम क्या है?
(अ) पीतल फाइबर
(ब) सुनहरा रेशा
(स) काला सोना
(द) सफेद तेल

20. पटसन उद्योग के लिए सबसे अधिक अनुकूल परिवहन कौन सा है?
(अ) वायुमार्ग
(ब) रेल मार्ग
(स) जलमार्ग
(द) पैदल मार्ग


✅ उत्तर कुंजी (Answer Key):

प्रश्न उत्तर व्याख्या
1 (ब) रिशरा में 1855 में पहला पटसन उद्योग लगा।
2 (स) अधिकांश मिलें हुगली नदी के किनारे हैं।
3 (स) वर्ष 2010-11 में लगभग 80 मिलें थीं।
4 (स) कच्चा माल नजदीक ही उत्पादित होता है।
5 (ब) भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
6 (स) कोलकाता इसका प्रमुख केंद्र है।
7 (स) कृत्रिम रेशों से प्रतिस्पर्धा एक चुनौती है।
8 (स) बिहार, उड़ीसा, यूपी से सस्ते श्रमिक मिलते हैं।
9 (स) सरकार ने जूट बैग की पैकिंग अनिवार्य की है।
10 (स) जूट प्रसंस्करण में जल की अधिक ज़रूरत होती है।
11 (ब) बांग्लादेश में अधिकांश उत्पादक क्षेत्र चले गए।
12 (ब) कोलकाता बंदरगाह से निर्यात आसान होता है।
13 (ब) ब्राजील, थाईलैंड आदि देश प्रतिस्पर्धी हैं।
14 (स) नॉर्वे पटसन उत्पादक देश नहीं है।
15 (स) नम जलवायु और दोमट मिट्टी अनुकूल है।
16 (ब) जूट बैग से अनिवार्य पैकिंग नीति।
17 (ब) कनाडा प्रमुख खरीदारों में से है।
18 (स) पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता कारण है।
19 (ब) जूट को ‘सुनहरा रेशा’ कहा जाता है।
20 (स) सस्ता जल परिवहन सबसे अनुकूल है।

अगर आपको SET 3 भी चाहिए या इसी तरह के अन्य चैप्टर्स के लिए Mock Test चाहिए, तो बताइए।

Post a Comment

Previous Post Next Post