SCERT;कक्षा-8(इतिहास):CHP-6; अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
अध्याय 6 – अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह) के आसान, बिंदुवार (point-wise) नोट्स — आपकी कॉपी में लिखने लायक सटीक और साफ़:
🟨 अध्याय - 6
अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
📚 कक्षा 8 इतिहास – सरल नोट्स
🔸 पृष्ठभूमि (पिछले अध्याय से जुड़ा ज्ञान)
- अंग्रेजों ने भारत में धीरे-धीरे शासन स्थापित किया।
- उन्होंने नई व्यवस्था लागू की जिससे लोगों का जीवन अस्थिर हो गया।
- प्रभावित वर्ग:
- राजा, नवाब, जमींदार – राज्य छिन गए
- किसान – हालत बदतर हो गई
- बुनकर, शिल्पकार – काम छिन गया
- व्यापारी – स्वतंत्र व्यापार नहीं कर पा रहे थे
- धनवान – उद्योग-धंधे में घाटा हुआ
🔸 प्रारंभिक विरोध (विद्रोह से पहले)
- लोग अलग-अलग स्थानों पर अंग्रेजों का विरोध करते थे।
- लेकिन यह विरोध एकजुट नहीं था, इसलिए अंग्रेज सरकार इन्हें आसानी से दबा देती थी।
🔸 1857 का बड़ा संघर्ष क्यों हुआ?
- पहली बार सैनिकों (सेना) ने अंग्रेजी शासन का विरोध शुरू किया।
- यही सैनिक जो वर्षों से अंग्रेजों के लिए काम कर रहे थे — अब विद्रोह कर बैठे।
- भारत में अंग्रेजी सरकार की सेना में भारतीयों की संख्या काफी अधिक थी।
- इसमें भी अवध प्रांत के सैनिक सबसे अधिक थे।
🔸 भारतीय सैनिकों की शिकायतें (मुख्य कारण)
- कम वेतन:
- अंग्रेज सिपाही से कम वेतन मिलता था।
- पैदल सिपाही – ₹7, घुड़सवार – ₹27
- ऊँचा पद नहीं मिलता:
- केवल हवलदार या सूबेदार तक पद
- बड़े पदों पर केवल अंग्रेज अधिकारी
- धार्मिक अपमान:
- 1856 का कानून – सैनिकों को समुद्र पार युद्ध के लिए भेजा जाएगा
- समुद्र पार जाना हिन्दुओं के लिए पाप माना जाता था
- अपमानजनक व्यवहार:
- अंग्रेज अफसर भारतीय सिपाहियों से बुरा व्यवहार करते थे
- भूमि व्यवस्था का असर:
- सिपाही भी किसान परिवार से थे
- किसान बर्बाद हुए, तो सिपाही भी दुखी हुए।
🗓️ 1857 का विद्रोह – मुख्य नायक, केंद्र और दबाने वाले
🔸 1. दिल्ली
- भारतीय नायक: बहादुरशाह जफर एवं बख्त खाँ (नेतृत्व – हेनरी ने)
- विद्रोह की तिथि: 11–12 मई 1857
- ब्रिटिश नायक (दबाने वाला): निकोलसन, हडसन
- विद्रोह दबाया गया: 21 सितम्बर 1857
🔸 2. कानपुर
- भारतीय नायक: नाना साहब एवं तात्या टोपे
- विद्रोह की तिथि: 5 जून 1857
- ब्रिटिश नायक: कैम्पबेल
- दबाया गया: 6 सितम्बर 1857
🔸 3. लखनऊ
- भारतीय नायक: बेगम हजरत महल
- विद्रोह की तिथि: 4 जून 1857
- ब्रिटिश नायक: कैम्पबेल
- दबाया गया: मार्च 1858
🔸 4. झाँसी और ग्वालियर
- भारतीय नायक: रानी लक्ष्मीबाई एवं तात्या टोपे
- विद्रोह की तिथि: जून 1857
- ब्रिटिश नायक: ह्यूरोज़
- दबाया गया: 3 अप्रैल 1858
🔸 5. इलाहाबाद और बनारस
- भारतीय नायक: लियाकत अली
- विद्रोह की तिथि: 1857
- ब्रिटिश नायक: कर्नल नील
- दबाया गया: 1858
🔸 6. जगदीशपुर (बिहार)
- भारतीय नायक: कुंवर सिंह
- विद्रोह की तिथि: अगस्त 1857
- ब्रिटिश नायक: विलियम टेलर, मेजर विंसेंट आयर
- दबाया गया: 1858
🔸 7. बरेली
- भारतीय नायक: खान बहादुर खाँ
- विद्रोह की तिथि: 1857
- दबाया गया: 1858
🔸 8. फैजाबाद
- भारतीय नायक: मौलवी अहमद उल्ला
- विद्रोह की तिथि: 1857
- दबाया गया: 1858
🔸 9. फतेहपुर
- भारतीय नायक: अजीमुल्ला
- विद्रोह की तिथि: 1857
- ब्रिटिश नायक: जनरल हेनरी
- दबाया गया: 1858
✅ संक्षेप में:
- 1857 का विद्रोह भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था।
- इसमें दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, झाँसी, बिहार आदि प्रमुख केंद्र रहे।
- ब्रिटिश सेनाओं ने एक-एक करके इन केंद्रों पर कड़ा प्रहार किया और 1858 तक विद्रोह दबा दिया गया।
🔸 कारतूस का विवाद (मुख्य कारण जिसने आग में घी डाला)
- 1857 में "इन्फील्ड राइफल" लाई गई
- इसके कारतूस पर चर्बी लगी होती थी (गाय और सूअर की)
- कारतूस को दाँत से काटना पड़ता था
इससे:
- -----> ➤ हिन्दू सैनिक – गाय की चर्बी से आहत
- -----> ➤ मुसलमान सैनिक – सूअर की चर्बी से आहत
- सैनिकों को लगा कि ये जानबूझकर धर्म भ्रष्ट करने की साज़िश है
🔸 गवर्नर जनरल को चेतावनी (1856)
एक अंग्रेज अधिकारी ने कहा:
- "हमारी सेना किसानों की है।"
- "अगर किसानों पर अत्याचार होगा तो सेना भी उनसे हमदर्दी रखेगी।"
- "हर सैनिक किसी का बेटा, भाई या पिता होता है।"
✅ निष्कर्ष (Conclusion):
- सैनिक पहले से दुखी थे – वेतन, पद, व्यवहार, धार्मिक अपमान से
- कारतूस की घटना ने उन्हें एकजुट कर दिया
- इसी कारण 1857 में भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ
🔸 विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई?
✅ 1. मंगल पांडे की भूमिका (बैरकपुर छावनी):
- मार्च 1857: मंगल पांडे ने नया कारतूस लेने से इनकार किया।
- जबरन देने पर उसने अंग्रेज अफसर पर हमला कर दिया।
- मंगल पांडे को गिरफ्तार करके फाँसी दे दी गई।
✅ 2. मेरठ छावनी की घटना (10 मई 1857):
- 90 सैनिकों ने कारतूस लेने से मना किया → गिरफ्तार करके 10 साल की सजा दी गई।
- इससे बाकी सैनिक भड़क गए।
- उन्होंने:
- ---------> ➤ साथियों को जेल से छुड़ाया
- ---------> ➤ अफसरों की हत्या की
- ---------> ➤ शस्त्रागार लूटा, खजाना लूटा
- ---------> ➤ मेरठ शहर में लूटपाट की
✅ 3. दिल्ली की ओर कूच:
- विद्रोही सैनिक मेरठ से दिल्ली पहुँचे
वहाँ भी:
- ---------> ➤ लूटपाट और सरकारी दफ्तरों को नष्ट किया
- ---------> ➤ अंग्रेजी शासन दिल्ली से खत्म हो गया
✅ 4. मुगल बादशाह को नेता बनाया:
- सैनिकों ने बहादुर शाह ज़फ़र को अपना नेता घोषित किया।
- अब लड़ाई बहादुर शाह के नाम पर लड़ी गई।
- शहर के आम लोग भी विद्रोहियों का समर्थन कर रहे थे।
🔶 ✴ गतिविधि का उत्तर (बहादुर शाह को नेता क्यों चुना?):
- बहादुर शाह ज़फ़र मुगल वंश का अंतिम बादशाह था, जो पूरे भारत के प्रतीक की तरह माना जाता था।
- लोगों को लगा कि मुगल शासन लौटेगा तो राजे, जमींदार और आम लोग पहले जैसा जीवन जी सकेंगे।
- इसलिए उसे एकजुटता और पहचान के प्रतीक रूप में चुना गया।
🔸 विद्रोह का फैलाव:
✅ 1. विद्रोह की खबर फैलने लगी:
- मेरठ और दिल्ली की घटना की खबर दूसरी छावनियों और गाँवों में पहुँची।
- लोग यह सोचकर जुड़े कि अब अंग्रेजों को हराया जा सकता है।
✅ 2. असंतुष्ट वर्ग भी जुड़ने लगे:
- जिनका राज्य छीना गया था, जिनकी पेंशन बंद की गई थी, वे सब अंग्रेजों के खिलाफ हो गए।
- सबको लगा कि मुगल शासन वापस आएगा, और उनकी स्थिति पहले जैसी हो जाएगी।
🔸 मुख्य विद्रोही केंद्र और नेता:
🔹 स्थान | 🔹 नेता | 🔹 कारण |
---|---|---|
कानपुर | नाना साहब, तात्या टोपे, अहमदुल्लाह | पेंशन बंद की गई थी |
लखनऊ | बेगम हजरत महल | अवध का राज्य अंग्रेजों ने हड़प लिया |
झाँसी | रानी लक्ष्मीबाई | राज्य अंग्रेजों ने छीना |
फैजाबाद | मौलवी अहमदुल्लाह शाह | बेगम हजरत महल के लिए सेना जुटाई |
बरेली | बख्त खाँ | सेना तैयार कर दिल्ली में मुगल बादशाह की मदद की |
आरा (बिहार) | कुंवर सिंह | जमींदारी प्रभावित हुई थी |
🔸 लोगों का सहयोग:
-
हर जगह पर राजा, नवाब, ज़मींदार, किसान, व्यापारी विद्रोह में शामिल हुए।
-
दिल्ली से लेकर झाँसी, कानपुर, आरा तक अंग्रेजी शासन लड़खड़ा गया।
✅ निष्कर्ष:
-
1857 का विद्रोह एक सैनिक विद्रोह से शुरू हुआ और जल्दी ही यह जन आंदोलन बन गया।
-
इसमें धर्म, संस्कृति, सम्मान, अधिकार और रोज़गार – सभी को लेकर नाराज़गी थी।
-
यही कारण था कि इस विद्रोह में हर वर्ग ने पूरा समर्थन दिया।
🔶 1. बाबू कुँवर सिंह कौन थे?
- जगदीशपुर (आरा, बिहार) के प्रतिष्ठित जमींदार।
- अंग्रेजों ने उनकी जमीनदारी छीन ली थी।
- 1857 के बिहार के प्रमुख विद्रोही नेता माने जाते हैं।
- बिना योजना बनाए विद्रोह में कूदे – जैसे ही दानापुर के सैनिकों ने विद्रोह किया, वे उनसे जुड़ गए।
- बहुत प्रभावशाली और साहसी नेता थे।
🔸 2. कुँवर सिंह की गतिविधियाँ:
- दानापुर सैनिकों के साथ मिलकर:
- आरा से अंग्रेजी शासन खत्म किया।
- कुछ समय के लिए अपनी सरकार भी चलाई।
- फिर बनारस, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया जैसे क्षेत्रों में जाकर: ------> ➤ किसानों और ज़मींदारों को प्रेरित किया।
- अंग्रेजों ने ₹25,000 का इनाम उनकी गिरफ्तारी पर घोषित किया।
- घायल होकर कुछ दिनों बाद निधन हो गया।
- उनके भाई अमर सिंह ने भी छापामार युद्ध जारी रखा।
🔷 3. कुँवर सिंह के जीवन से सीख (गतिविधि उत्तर):
- साहस और देशभक्ति का बड़ा उदाहरण।
- बुज़ुर्ग होने के बावजूद अंग्रेजों से लड़े।
- न्याय और स्वराज के लिए संघर्ष करना।
- अपने अधिकारों के लिए डटे रहना।
- समय आने पर नेतृत्व की जिम्मेदारी उठाना।
🟧 4. बिहार में वहाबी आंदोलन:
✔ क्या था?
- धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन, बाद में अंग्रेज विरोधी आंदोलन बन गया।
- शुरू हुआ अरब में अब्दुल वहाब के नेतृत्व में।
- भारत में शुरू किया सैयद अहमद (बरेली) ने।
- पटना इसका बड़ा केंद्र बना।
✔ प्रमुख नेता:
- विलायत अली और इनायत अली (दोनों भाई) – पटना निवासी।
- इनके अनुयायी पूरे बिहार में फैले थे।
✔ अंग्रेजों की प्रतिक्रिया:
- वहाबी नेताओं की गिरफ्तारी।
- पटना में कठोर कानून लागू किए।
- पीर अली और उनके सहयोगियों को फाँसी दी गई।
🟨 5. 'आँखों देखा गदर' – झाँसी में अंग्रेजों की क्रूरता का विवरण:
- अंग्रेजों ने झाँसी में लोगों को बेरहमी से मारा।
- हर पुरुष – 5 से 80 साल तक – मारा गया।
- शहर में आग, लूट, और हत्याएं।
- लोग डर के मारे छिपने लगे:
- ------> ➤ कोई तहखाने में गया,
- ------> ➤ कोई स्त्री-वेश में छिप गया,
- ------> ➤ कोई खेतों में भाग गया।
- ------> ➤ जो धन स्वेच्छा से दे रहे थे, उन्हें छोड़ दिया गया।
✅ निष्कर्ष:
- बिहार में 1857 का विद्रोह:
- बाबू कुँवर सिंह के नेतृत्व में साहसिक और असरदार रहा।
- वहाबी आंदोलन ने भी अंग्रेजी शासन को चुनौती दी।
- अंग्रेजों ने कठोर दमन के ज़रिए विद्रोह को दबाया!
- झाँसी जैसे स्थानों पर अंग्रेजों ने निर्दयता की सारी हदें पार कर दीं।
🔶 1. विद्रोही क्या चाहते थे? (विद्रोह के उद्देश्य)
- राजा–जमींदार: अंग्रेजों से अपना खोया हुआ राज्य वापस पाना चाहते थे।
- सरकारी नौकरी वाले भारतीय: 👉 शासन में समान अधिकार और ऊँचे पद चाहते थे।
- पंडित व मौलवी: 👉 अपने धर्म की रक्षा के लिए साथ देने को कहा गया।
- बुनकर, कारीगर, व्यापारी: 👉 अंग्रेजों की नीतियों से आर्थिक नुकसान झेल रहे थे।
- ------> ➤👉 उन्हें व्यापार व रोजगार में सहायता का वादा दिया गया।
🟨 2. आज़मगढ़ घोषणा पत्र (25 अगस्त 1857)
📜 यह पत्र विद्रोहियों द्वारा जारी किया गया, जिससे उनके लक्ष्य और नीयत का पता चलता है:
- जमींदारों से कहा गया कि: उनकी ज़मीन नहीं छीनी जाएगी। वे अपने इलाके पर शासन करते रहेंगे।
- व्यापारियों को: हर चीज के मुक्त व्यापार की आज़ादी।
- सरकारी नौकरी वाले भारतीयों को: शासन में ऊँचा पद और बिना भेदभाव का भरोसा।
- पंडितों और मौलवियों को: धर्म की रक्षा के लिए साथ आने का आह्वान।
- बुनकरों व कारीगरों को: सरकारी सहायता का वादा।
✅ निष्कर्ष:
👉 यह घोषणा पत्र दिखाता है कि विद्रोही सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहते थे।
👉 उनका मकसद था – मुगल काल की पुरानी व्यवस्था को वापस लाना।
🔷 3. अंग्रेजों ने विद्रोह को कैसे दबाया?
- 📌 सबसे पहले दिल्ली को फिर से कब्जे में लिया:
- ---------> ➤ बहादुर शाह जफर को गिरफ्तार किया गया।
- ------> ➤ उनके बेटों को उनके सामने ही गोली मार दी गई।
- ------> ➤ उन्हें रंगून (बर्मा) भेजा गया, जहाँ 1862 में मृत्यु हो गई।
- 📌 लखनऊ पर हमला किया: बेगम हज़रत महल नेपाल चली गईं।
- 📌 कानपुर पर फिर से कब्ज़ा: नाना साहब भी नेपाल चले गए।
📌 झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई:
वीरता से लड़ते हुए शहीद हुईं।
- 📌 तात्या टोपे:
- ---------> ➤ छिपकर छापामार युद्ध चलाते रहे।
- ---------> ➤ लेकिन एक जमींदार के विश्वासघात से पकड़े गए और फांसी दी गई।
- 📌 कुँवर सिंह और अमर सिंह:
- ---------> ➤ उनके क्षेत्र (आरा आदि) फिर अंग्रेजों के अधीन आ गए।
- ---------> ➤ घर भी ध्वस्त कर दिए गए।
🔴 4. अंग्रेजों की निर्दयता और सजा
- विद्रोहियों को तुरंत सज़ा देने के लिए नया कानून बनाया।
- कड़ी सजाएँ दी गईं, जैसे:
- ---------> ➤ तोप के मुँह से बाँधकर उड़ाना।
- ---------> ➤ फांसी देना, भयानक मारपीट, लूटपाट।
🟫 5. अंग्रेज़ों ने सबसे पहले दिल्ली पर अधिकार क्यों किया!
- क्योंकि दिल्ली ही विद्रोह का केंद्र बन गई थी।
- वहाँ बहादुर शाह जफर को नेता मान लिया गया था।
- दिल्ली पर कब्जा करके वे विद्रोहियों की राजनैतिक शक्ति तोड़ना चाहते थे।
🟩 6. विद्रोह क्यों असफल हुआ?
- ✅ कोई स्पष्ट योजना नहीं थी – सब कुछ अचानक हुआ।
- ✅ धन और संसाधनों की कमी – विद्रोहियों के पास पैसा नहीं था।
- ✅ कम और कमजोर हथियार –
- अंग्रेजों के पास बंदूकें, जबकि विद्रोहियों के पास तलवार-भाले।
- ✅ पूरे भारत में नहीं फैला –
- दक्षिण और पश्चिम भारत विद्रोह से अछूते रहे।
- ✅ कुछ भारतीय सैनिकों ने भी अंग्रेजों का साथ दिया।
- ✅ लोगों का भरोसा कमजोर हुआ –
- जैसे-जैसे नेता हारते गए, लोग विद्रोह से अलग होने लगे।
✅ निष्कर्ष (सार)
- 1857 का विद्रोह एक बहुत बड़ा संघर्ष था।
- इसमें हर वर्ग – राजा, जमींदार, किसान, कारीगर – जुड़े थे।
- मगर संगठन, संसाधन और एकता की कमी के कारण असफल रहा।
- अंग्रेजों ने निर्दयता से दमन किया, लेकिन यह विद्रोह भारत की आज़ादी की बुनियाद बना।
📜 विद्रोह (1857) के बाद का भारत
🔹 1. शासन में बड़ा बदलाव
- 1858 में ब्रिटिश संसद ने एक कानून पास किया।
- इस कानून से ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया गया।
- अब भारत पर सीधा शासन ब्रिटेन की सरकार करेगी।
🔹 2. भारत सचिव की नियुक्ति
- भारत पर शासन करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक मंत्री नियुक्त किया।
- इस मंत्री को कहा गया – भारत सचिव (Secretary of State for India)।
🔹 3. भारतीय रियासतों को भरोसा
- ब्रिटिश सरकार ने भारत के सभी राजाओं को वादा किया:
- ---------> ➤ अब उनके राज्य छीने नहीं जाएंगे।
- ---------> ➤ मतलब – भविष्य में 'हड़प नीति' (Doctrine of Lapse) खत्म।
🔹 4. सेना में बड़ा बदलाव
- सेना की रचना में परिवर्तन:
- ---------> ➤ अब भारतीय सैनिकों और अंग्रेज सैनिकों का अनुपात होगा 5:2।
- ---------> ➤ यानी हर 5 भारतीय सिपाही पर 2 अंग्रेज सिपाही।
- भर्ती में बदलाव:
- ---------> ➤ अब सिपाही अवध, बिहार, मध्य भारत, दक्षिण भारत से कम लिए जाएंगे।
- ---------> ➤ गोरखा, सिख और पठान को ज़्यादा भर्ती किया जाएगा।
- ---------> ➤ क्योंकि इन्होंने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों का साथ दिया था।
अब अंग्रेज सरकार ने यह तय किया कि: -- >
वे भारतीयों के धर्म और समाज में दखल नहीं देंगे।
🔹 6. परिणाम
- इन बदलावों के बहुत दूरगामी असर हुए।
- भारत में राजनीतिक बदलाव की शुरुआत इसी के बाद मानी जाती है।
"1857 के विद्रोह के बाद का भारत" चैप्टर पर आधारित 20 प्रश्नों का मॉक टेस्ट, जिसमें चार विकल्प दिए गए हैं। अंत में उत्तर तालिका और आसान भाषा में व्याख्या भी दी गई है।
📘 मॉक टेस्ट: 1857 के विद्रोह के बाद का भारत
🔸 प्रश्न एवं विकल्प (Questions & Options)
1. 1858 के अधिनियम द्वारा किसका शासन भारत में समाप्त हुआ?
(अ) ब्रिटिश सरकार का
(ब) ईस्ट इंडिया कंपनी का
(स) मुगलों का
(द) फ्रांसीसियों का
2. 1858 के बाद भारत में शासन का कार्यभार किसे सौंपा गया?
(अ) गवर्नर जनरल
(ब) भारत सचिव
(स) महारानी विक्टोरिया
(द) संसद
3. भारत सचिव किस देश का मंत्री होता था?
(अ) भारत
(ब) फ्रांस
(स) ब्रिटेन
(द) पुर्तगाल
4. 1858 के बाद भारत में किस संस्था का शासन स्थापित हुआ?
(अ) ब्रिटिश संसद
(ब) ब्रिटिश क्राउन
(स) ईस्ट इंडिया कंपनी
(द) गवर्नर परिषद
5. भारतीय रजवाड़ों को क्या वादा किया गया?
(अ) कर माफ़ी
(ब) जमीन वापस
(स) राज्य नहीं छीना जाएगा
(द) ब्रिटिश नागरिकता
6. सैनिकों के नए अनुपात के अनुसार कितने भारतीय सैनिकों पर 2 यूरोपीय सैनिक नियुक्त किए गए?
(अ) 10
(ब) 3
(स) 5
(द) 7
7. विद्रोह के बाद सैनिक भर्ती में किन पर विशेष ध्यान दिया गया?
(अ) मराठा
(ब) बंगाली
(स) गोरखा, सिख, पठान
(द) राजपूत
8. अवध, बिहार, मध्य भारत से सैनिकों की भर्ती क्यों घटाई गई?
(अ) वहां से विद्रोह हुआ था
(ब) वहां जनसंख्या कम थी
(स) वहां अंग्रेज विरोधी भाव था
(द) दोनों (अ) और (स)
9. अंग्रेजों ने किस क्षेत्र के सैनिकों को प्राथमिकता दी?
(अ) पूर्वी भारत
(ब) उत्तर भारत
(स) सीमावर्ती क्षेत्र
(द) दक्षिण भारत
10. विद्रोह के बाद अंग्रेजों की धार्मिक नीति क्या रही?
(अ) ईसाई धर्म फैलाना
(ब) धर्म में हस्तक्षेप नहीं
(स) जबरन धर्मांतरण
(द) हिंदू धर्म को अपनाना
11. सैनिकों की नियुक्ति में बदलाव का मुख्य कारण क्या था?
(अ) सैनिकों की संख्या बढ़ाना
(ब) विद्रोह की पुनरावृत्ति रोकना
(स) वेतन कम करना
(द) प्रशिक्षित सैनिकों की कमी
12. भारत सचिव को सहायता देने के लिए क्या नियुक्त किया गया?
(अ) भारत परिषद
(ब) गवर्नर परिषद
(स) सैन्य समिति
(द) न्यायिक विभाग
13. भारत सचिव का कार्यालय कहाँ स्थित था?
(अ) कोलकाता
(ब) लंदन
(स) दिल्ली
(द) मद्रास
14. महारानी विक्टोरिया की घोषणा में भारतीयों को क्या आश्वासन दिया गया?
(अ) स्वतंत्रता
(ब) समानता और धार्मिक स्वतंत्रता
(स) रोजगार
(द) सेना में भर्ती
15. अंग्रेजों ने भारतीय समाज में हस्तक्षेप से बचने का क्या फैसला लिया?
(अ) कानून हटा दिए
(ब) धार्मिक सुधार बंद कर दिए
(स) सामाजिक नीति बंद की
(द) धार्मिक-सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे
16. कौन-से सैनिक समूहों ने अंग्रेजों का साथ दिया था?
(अ) मराठा और राजपूत
(ब) सिख, पठान और गोरखा
(स) बंगाली और मुस्लिम
(द) नागा और मीना
17. ब्रिटिश क्राउन के अधीन शासन शुरू हुआ किस वर्ष से?
(अ) 1857
(ब) 1858
(स) 1860
(द) 1856
18. भारत के गवर्नर जनरल को नया क्या नाम दिया गया?
(अ) वायसराय
(ब) प्रधानमंत्री
(स) भारतपति
(द) सम्राट
19. 1858 के एक्ट का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(अ) व्यापार बढ़ाना
(ब) शासन का केंद्रीकरण
(स) विद्रोह रोकना
(द) कंपनी का अंत कर शाही शासन स्थापित करना
20. सैनिकों के अनुपात 2:5 का तात्पर्य है –
(अ) 2 भारतीय: 5 यूरोपीय
(ब) 5 गोरखा: 2 पठान
(स) 2 यूरोपीय: 5 भारतीय
(द) 5 अंग्रेज़: 2 भारतीय
✅ उत्तर तालिका (Answer Key)
प्रश्न | उत्तर | प्रश्न | उत्तर |
---|---|---|---|
1 | (ब) | 11 | (ब) |
2 | (ब) | 12 | (अ) |
3 | (स) | 13 | (ब) |
4 | (ब) | 14 | (ब) |
5 | (स) | 15 | (द) |
6 | (स) | 16 | (ब) |
7 | (स) | 17 | (ब) |
8 | (द) | 18 | (अ) |
9 | (स) | 19 | (द) |
10 | (ब) | 20 | (स) |
✍️ व्याख्या (Explanation in Simple Hindi)
- Q1-4: 1858 के अधिनियम के तहत कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश सरकार (Crown) ने भारत का सीधा शासन संभाला।
- Q5: रजवाड़ों को भरोसा दिया गया कि उनका राज्य नहीं छीना जाएगा ताकि वे अंग्रेजों का साथ दें।
- Q6 & Q20: सैनिकों का नया अनुपात – 2 यूरोपीय: 5 भारतीय सैनिक।
- Q7-9: अंग्रेजों ने गोरखा, सिख, पठान को प्राथमिकता दी क्योंकि इन्होंने विद्रोह नहीं किया था।
- Q10: अब अंग्रेजों ने तय किया कि वे धर्म और समाज में दखल नहीं देंगे।
- Q11: सैनिक ढाँचा बदला ताकि भविष्य में ऐसा विद्रोह दोबारा न हो।
- Q12-13: भारत सचिव को लंदन में बैठाया गया और उसे एक परिषद दी गई।
- Q14-15: ब्रिटिश सरकार ने भरोसा दिलाया कि अब धार्मिक और सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं होगा।
- Q16: विद्रोह को दबाने में सिख, पठान, गोरखा ने मदद की।
- Q17-18: 1858 से वायसराय प्रणाली शुरू हुई, कंपनी का शासन समाप्त हो गया।
- Q19: अब भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन हो गया।
"विद्रोह के बाद का वर्ष" विषय पर आधारित 20 प्रश्नों का मॉक टेस्ट (BPSC TRE 4 लेवल)। प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें विकल्प (4) और (5) भी शामिल हैं:
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
✅ मॉक टेस्ट : "1857 विद्रोह के बाद के परिणाम"
🔸 प्रश्न एवं विकल्प :
1. 1858 में किस कानून के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हुआ?
(1) भारतीय शासन अधिनियम 1857
(2) भारतीय शासन अधिनियम 1858
(3) कंपनी अधिनियम 1858
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
2. 1858 के बाद भारत का प्रशासनिक प्रमुख कौन बना?
(1) ब्रिटिश प्रधानमंत्री
(2) भारत सचिव
(3) गवर्नर जनरल
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
3. भारत सचिव को सहयोग देने के लिए कौन-सी परिषद बनाई गई थी?
(1) राज्य परिषद
(2) भारत परिषद
(3) गवर्नर परिषद
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
4. सैनिकों के अनुपात को बदलकर 2:5 किया गया, इसका अर्थ है:
(1) 2 भारतीय : 5 अंग्रेज
(2) 2 अंग्रेज : 5 भारतीय
(3) 2 अंग्रेज : 3 भारतीय
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
5. विद्रोह के बाद किन क्षेत्रों से सैनिकों की भर्ती में कमी की गई?
(1) अवध
(2) बिहार
(3) दक्षिण भारत
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
6. विद्रोह के बाद किन समुदायों से अधिक सैनिक भर्ती किए गए?
(1) सिख
(2) गोरखा
(3) पठान
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
7. किन समुदायों ने 1857 के विद्रोह को दबाने में सहयोग किया था?
(1) पठान
(2) गोरखा
(3) सिख
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
8. ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शासकों को क्या भरोसा दिया?
(1) धार्मिक स्वतंत्रता
(2) सामाजिक स्वतंत्रता
(3) उनके राज्य नहीं छीने जाएंगे
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
9. सैनिकों के धार्मिक एवं सामाजिक जीवन में हस्तक्षेप –
(1) बढ़ा दिया गया
(2) कम कर दिया गया
(3) समाप्त कर दिया गया
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
10. किस वर्ष ब्रिटिश राज की सीधी शुरुआत हुई?
(1) 1856
(2) 1857
(3) 1858
(4) 1860
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
11. भारत में ब्रिटेन की सीधी सत्ता की शुरुआत का वर्ष था –
(1) 1857
(2) 1858
(3) 1861
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
12. गवर्नर जनरल को नया क्या नाम दिया गया?
(1) भारत सचिव
(2) वायसराय
(3) प्रधानमंत्री
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
13. 1858 के बाद भारतीय प्रशासन किसके अधीन हो गया?
(1) ब्रिटिश संसद
(2) ब्रिटिश सरकार
(3) ईस्ट इंडिया कंपनी
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
14. भारत सचिव किस देश का मंत्री था?
(1) अमेरिका
(2) फ्रांस
(3) ब्रिटेन
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
15. विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन को नियंत्रित करने के लिए किसे नियुक्त किया गया?
(1) गवर्नर जनरल
(2) भारत सचिव
(3) संसद
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
16. भारत में वायसराय की नियुक्ति किसके अधीन थी?
(1) रानी विक्टोरिया
(2) ब्रिटिश संसद
(3) भारत सचिव
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
17. भारतीय राजाओं के साथ कौन-सी नीति समाप्त कर दी गई?
(1) सहिष्णुता नीति
(2) दमन नीति
(3) व्यपगत नीति (Doctrine of Lapse)
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
18. भारतीय सैनिकों की भर्ती में किन्हें प्राथमिकता दी गई?
(1) बंगाली
(2) राजपूत
(3) सिख, गोरखा, पठान
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
19. सैनिकों की संख्या बढ़ाकर अंग्रेज क्या सुनिश्चित करना चाहते थे?
(1) भारतीयों का वर्चस्व
(2) ब्रिटिश नियंत्रण
(3) सैनिक विद्रोह की रोकथाम
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
20. विद्रोह के बाद के बदलावों का दीर्घकालिक प्रभाव क्या रहा?
(1) सामाजिक परिवर्तन
(2) राजनीतिक परिवर्तन
(3) आर्थिक परिवर्तन
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
(5) उपयुक्त में से कोई नहीं
✅ उत्तर कुंजी (Answer Key):
प्रश्न | उत्तर |
---|---|
1 | (2) |
2 | (2) |
3 | (2) |
4 | (2) |
5 | (4) |
6 | (4) |
7 | (4) |
8 | (3) |
9 | (3) |
10 | (3) |
11 | (2) |
12 | (2) |
13 | (2) |
14 | (3) |
15 | (2) |
16 | (4) |
17 | (3) |
18 | (3) |
19 | (4) |
20 | (2) |
📘 व्याख्या (व्याख्या सरल भाषा में):
- 1858 में भारत शासन अधिनियम से ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन खत्म हुआ और भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया।
- भारत सचिव ब्रिटिश सरकार में वह मंत्री था जो भारत का प्रशासन देखता था।
- सैनिकों में 2 अंग्रेज और 5 भारतीय का अनुपात रखा गया, जिससे अंग्रेजों की ताकत बनी रहे।
- गोरखा, सिख और पठान सैनिक भर्ती किए गए क्योंकि उन्होंने विद्रोह में कंपनी का साथ दिया।
- भारतीय राजाओं को आश्वासन मिला कि अब उनके राज्य नहीं छीने जाएंगे।
- ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के धार्मिक और सामाजिक जीवन में दखल न देने की नीति अपनाई।
- वायसराय अब भारत में ब्रिटिश राज का सर्वोच्च प्रतिनिधि बन गया।