कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान – अध्याय 2: वन एवं वन्य जीव संसाधन
कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान – अध्याय 2: वन एवं वन्य जीव संसाधन के पहले भाग को आपके पसंदीदा संक्षिप्त और बिंदुवार (Point-wise) स्टाइल में प्रस्तुत किया ..
🌳 अध्याय 2 – वन एवं वन्य जीव संसाधन
भाग 1: 🌏 हमारा पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem)
🔹 जीवों का आवासीय स्थल:
▪️ पृथ्वी पर करोड़ों जीव – सूक्ष्मजीवी से लेकर हाथी और ब्लू व्हेल तक
▪️ मानव केवल एक हिस्सा है इस जटिल तंत्र का
🔹 मानव की निर्भरता:
▪️ वायु → साँस लेने के लिए
▪️ जल → पीने के लिए
▪️ मृदा → अनाज उगाने के लिए
▪️ पौधे, पशु, सूक्ष्मजीवी → जीवन के पुनरुत्पादन में मदद करते हैं
🔹 वनों की भूमिका:
▪️ वनों = प्राथमिक उत्पादक
▪️ अन्य जीव इन पर निर्भर
🐯 जैव विविधता (Biodiversity) का महत्त्व
🔹 वन्य जीव और कृषि फसलें – विविध उपजातियाँ
🔹 सभी जैव तत्त्व → एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं
🔹 यह तंत्र आकार और कार्य में विविध, लेकिन अंतर्निर्भर
Q🇮🇳 भारत की जैव विविधता
🔹 भारत → विश्व के जैव-विविधतम देशों में एक
▪️ विश्व की कुल जैव उपजातियों का लगभग 8% भारत में
▪️ भारत में अब तक खोजी गई उपजातियाँ: लगभग 16 लाख
▪️ कई उपजातियाँ अभी भी अज्ञात हैं
🔹 स्थानीय विविधता:
▪️ कुछ पौधे/जानवर केवल आपके क्षेत्र में ही पाए जाते हैं
⚠️ खतरे में जैव विविधता
🔹 भारत में:
▪️ 10% वन्य वनस्पतियाँ
▪️ 20% स्तनधारी प्राणी
→ लुप्त होने के खतरे में
🔹 नाजुक और संकटग्रस्त प्रजातियाँ:
▪️ चीता
▪️ गुलाबी सिर वाली बत्तख
▪️ पहाड़ी कोयल (Quail)
▪️ जंगली चित्तीदार उल्लू
▪️ महुआ की जंगली किस्म (Madhuca insignis)
▪️ घास की प्रजाति (Hubberdina heptaneuron)
🌲2. लुप्तप्राय वन (Endangered Forests)
🔻 भारत में वन कटाई की स्थिति
▪️ दुर्लभ वन (Open forest): 9.14%
▪️ मैंग्रोव: 0.14%
▪️ सघन वन क्षेत्र में 3,775 वर्ग किमी की वृद्धि (2013–2015)
→ कारण: वन संरक्षण उपाय, वृक्षारोपण, जन भागीदारी
🧬 IUCN की जातियों की श्रेणियाँ (Species Categories)
🟩 1. सामान्य जातियाँ (Normal Species)
▪️ संख्या स्थिर → संकट में नहीं
▪️ उदाहरण: साल, चीड़, कृंतक (Rodents), साधारण पशु
🟨 2. संकटग्रस्त जातियाँ (Endangered Species)
▪️ लुप्त होने का खतरा
▪️ उदाहरण:
• काला हिरण
• गैंडा
• भारतीय जंगली गधा
• संगाई (मणिपुरी हिरण)
• शेर पूँछ वाला बंदर
🟧 3. सुभेद्य जातियाँ (Vulnerable Species)
▪️ संख्या घट रही है → भविष्य में संकटग्रस्त हो सकती हैं
▪️ उदाहरण:
• नीली भेड़
• एशियाई हाथी
• गंगा की डॉल्फिन
🟪 4. दुर्लभ जातियाँ (Rare Species)
▪️ संख्या बहुत कम
▪️ यदि परिस्थिति नहीं बदली → संकटग्रस्त हो सकती हैं
▪️ उदाहरण: अनेक स्थानीय प्रजातियाँ
🟥 5. स्थानिक जातियाँ (Endemic Species)
▪️ केवल विशेष भौगोलिक क्षेत्र में पाई जाती हैं
▪️ उदाहरण:
• अंडमानी टील
• निकोबारी कबूतर
• अंडमानी जंगली सुअर
• मिथुन (अरुणाचल)
❌ 6. लुप्त जातियाँ (Extinct Species)
▪️ अब अस्तित्व में नहीं
▪️ उदाहरण:
• एशियाई चीता
• गुलाबी सिरवाली बत्तख
🐆 एशियाई चीता – एक लुप्त प्रजाति
▪️ दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर (~112 किमी/घंटा)
▪️ भारत में 1952 में लुप्त घोषित
▪️ पहचान: आँखों से मुँह की ओर आँसू जैसी धारियाँ
▪️ कारण:
• शिकार में कमी
• आवासों का विनाश
• शिकार की प्रतियोगिता
❓ क्यों हो रहा है वनस्पति और जीवों का ह्रास?
🔻 मानव जनित कारण:
▪️ लकड़ी, पत्ते, छाल, रबर, दवाएँ, चारा, भोजन आदि के लिए अति दोहन
▪️ वनों को संसाधनों में बदलना
▪️ उपनिवेश काल में:
• रेलवे विस्तार
• वाणिज्य वानिकी
• खनन और कृषि विस्तार
🔻 स्वतंत्रता के बाद:
▪️ कृषि क्षेत्र बढ़ाने हेतु वन कटाई
▪️ 1951–1980 के बीच:
→ 26,200 वर्ग किमी वन भूमि कृषि में बदल दी गई
🔻 अन्य कारक:
▪️ झूम खेती (स्थानांतरी कृषि)
→ विशेष रूप से पूर्वोत्तर और मध्य भारत में
▪️ अनियंत्रित शहरीकरण और औद्योगीकरण
🌲 3. क्या उपनिवेशी वन नीति को दोषी माना जाए?
🔹 उपनिवेशी वन नीति के प्रभाव
▪️ ब्रिटिश शासन में वनों का मुख्य उद्देश्य → राजस्व और संसाधनों का दोहन
▪️ एकल प्रजातियों (Monoculture) का रोपण
→ स्थानीय प्रजातियाँ नष्ट हो गईं
🔻 उदाहरण:
▪️ दक्षिण भारत में → सागवान (Teak) के वृक्षारोपण से प्राकृतिक वन नष्ट
▪️ हिमालय में → चीड़ के वृक्षों ने ओक और रोडोडेंड्रोन जैसे वनों को हानि पहुँचाई
🔻 आधुनिक विकास परियोजनाओं का प्रभाव
▪️ 1952 से अब तक 5000 वर्ग किमी. वन क्षेत्र विकास परियोजनाओं से नष्ट
▪️ नर्मदा सागर परियोजना:
→ अकेले मध्य प्रदेश में 4 लाख हेक्टेयर वन भूमि जलमग्न होने का अनुमान
▪️ खनन गतिविधियाँ:
→ बक्सा टाइगर रिजर्व (पश्चिम बंगाल) को डोलोमाइट खनन से खतरा
→ हाथियों के आवागमन मार्ग अवरुद्ध
🔥 अन्य कारण:
🔸 संवर्द्धन वृक्षारोपण (Enrichment Plantation)
▪️ वाणिज्यिक उद्देश्य से → एक ही प्रकार के पेड़ों का बड़े पैमाने पर रोपण
▪️ जैव विविधता को नुकसान
🔸 पशुचारण और ईंधन हेतु लकड़ी कटाई:
▪️ अक्सर पेड़ों की टहनियाँ काटी जाती हैं, न कि पूरा पेड़
→ फिर भी वन अधिकारियों द्वारा इन गतिविधियों को दोष दिया जाता है
🌿 हिमालयन यव (Himalayan Yew) संकट में
▪️ एक औषधीय वृक्ष → हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है
▪️ इससे निकाला जाता है – Taxol → कैंसर की औषधि में प्रयोग
▪️ अत्यधिक दोहन → हजारों पेड़ सूख गए हैं
▪️ अब यह वनस्पति जाति लुप्तप्राय हो चुकी है
⚠️ जैव विविधता को नुकसान पहुँचाने वाले मुख्य कारण:
1️⃣ प्राकृतिक आवासों का विनाश
2️⃣ शिकार और वन्य प्राणियों का व्यापार
3️⃣ पर्यावरण प्रदूषण और विषाक्तिकरण
4️⃣ दावानल
5️⃣ झूम खेती और कृषि विस्तार
⚖️ विकास बनाम विनाश – कौन ज़िम्मेदार?
▪️ अक्सर विकासशील देशों की जनसंख्या को दोष दिया जाता है
▪️ लेकिन →
• एक अमेरिकी नागरिक → एक सोमाली नागरिक से 40 गुना अधिक संसाधन उपभोग करता है
• भारत के 5% अमीर लोग → 25% गरीबों की तुलना में अधिक पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं
📝 प्रश्न उठता है:
→ कौन, क्या, कितना और कहाँ से उपभोग कर रहा है?
🚨 भारत में स्थिति – क्या आप जानते हैं?
▪️ 70% जल स्रोत प्रदूषित
▪️ 1/3 जलमग्न भूमि (Wetlands) सूख चुकी
▪️ 40% मैदानी क्षेत्र लुप्त
▪️ हजारों वनस्पति व जन्तु जातियाँ लुप्त होने के कगार पर
🌐 सामाजिक प्रभाव – जैव विविधता का विनाश केवल जैविक नहीं
▪️ आदिवासी व वनवासी समुदाय → आजीविका, भोजन, औषधि, अध्यात्म आदि में वनों पर निर्भर
▪️ इन समुदायों में महिलाएँ सबसे अधिक प्रभावित
→ जल, चारा, लकड़ी जुटाने की जिम्मेदारी
→ संसाधनों की कमी से उन्हें 10+ किमी पैदल चलना पड़ता है
→ स्वास्थ्य व सामाजिक जीवन पर गंभीर प्रभाव
⚡ वन कटाई के परोक्ष प्रभाव
▪️ सूखा, बाढ़, जलवायु असंतुलन
▪️ सबसे अधिक प्रभाव गरीब वर्ग पर
▪️ गरीबी ↔️ पर्यावरण निम्नीकरण → दुष्चक्र
🇮🇳🌿 4. भारत में वन और वन्य जीवन का संरक्षण
🔹 संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?
▪️ पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता बनी रहती है
▪️ जल, वायु, मृदा जैसे जीवनदायी संसाधन सुरक्षित रहते हैं
▪️ वनस्पति व प्राणियों में आनुवंशिक (Genetic) विविधता बनी रहती है
▪️ कृषि के लिए पारंपरिक फसलों का संरक्षण संभव होता है
▪️ मछली पालन जैसे आजीविका स्रोत सुरक्षित रहते हैं
📜 भारतीय वन्यजीव (रक्षण) अधिनियम – 1972
▪️ पूरे भारत में रक्षित जातियों की सूची प्रकाशित
▪️ मुख्य उद्देश्य:
→ संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा
→ शिकार पर प्रतिबंध
→ वन्यजीव आवासों का कानूनी संरक्षण
→ व्यापार पर रोक
🏞️ राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य
▪️ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्थापित
▪️ कई विशेष परियोजनाएँ शुरू की गईं
▪️ संरक्षित प्राणी:
→ बाघ, एक सींग वाला गैंडा
→ कश्मीरी हिरण (हंगुल)
→ 3 प्रकार के मगरमच्छ – मीठे पानी, खारे पानी और घड़ियाल
→ एशियाई शेर
→ काला हिरण, चिंकारा, हिम तेंदुआ, गोडावन आदि
🐅 प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) – 1973
▪️ उद्देश्य: बाघों की घटती संख्या को रोकना
▪️ 20वीं शताब्दी में बाघों की संख्या → 55,000 से घटकर 1,827
▪️ मुख्य खतरे:
→ शिकार और अवैध व्यापार (खाल और हड्डियाँ)
→ आवास का सिकुड़ना
→ शिकार योग्य जंगली जानवरों की कमी
→ जनसंख्या वृद्धि
🔸 प्रमुख टाइगर रिज़र्व:
▪️ कार्बेट (उत्तराखंड)
▪️ सुंदरबन (प. बंगाल)
▪️ बांधवगढ़ (म.प्र.)
▪️ सरिस्का (राजस्थान)
▪️ मानस (असम)
▪️ पेरियार (केरल)
🦋 अन्य जैव विविधता संरक्षण प्रयास
▪️ अब संरक्षण केवल बड़े प्राणियों तक सीमित नहीं
▪️ कीटों और पौधों को भी मिला संरक्षण
→ वन्य जीव अधिनियम 1980 व 1986 के तहत
→ तितलियाँ, पतंगे, भृंग, ड्रैगनफ्लाई शामिल
→ 🌿 1991 में 6 पौधों की प्रजातियाँ भी शामिल की गईं
🌲5. वन और वन्य जीव संसाधनों के प्रकार व वितरण
🗂️ भारत में वनों के प्रकार (सरकारी श्रेणियाँ):
वन विभाग द्वारा वनों को 3 वर्गों में बाँटा गया है:
(क) आरक्षित वन (Reserved Forests)
▪️ देश के आधे से अधिक वन क्षेत्र
▪️ वन और वन्य प्राणियों के सर्वाधिक सुरक्षित क्षेत्र
▪️ जनता की गतिविधियों पर सख्त रोक
🔸 उदाहरण: मध्य प्रदेश – 75% वन क्षेत्र इसी श्रेणी में
(ख) रक्षित वन (Protected Forests)
▪️ देश का लगभग 1/3 वन क्षेत्र
▪️ सीमित मानव गतिविधियाँ अनुमत
▪️ संरक्षण पर विशेष ध्यान
🔸 उदाहरण: बिहार, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान
(ग) अवर्गीकृत वन (Unclassed Forests)
▪️ शेष वन क्षेत्र
▪️ आमतौर पर ग्राम समुदायों, निजी व्यक्तियों या स्थानीय निकायों के अधीन
▪️ संरक्षण की स्थिति सबसे कमजोर
🔸 उदाहरण: पूर्वोत्तर के राज्य, गुजरात
👥 समुदाय और वन संरक्षण
भारत में स्थानीय समुदाय और जनजातियाँ सदियों से वनों की रक्षा करते आ रहे हैं:
🛡️ महत्वपूर्ण उदाहरण:
1. राजस्थान – सरिस्का बाघ अभयारण्य:
▪️ गाँववालों ने खनन कार्य बंद करवाने के लिए संघर्ष किया
2. भैरोदेव डाकव 'सोंचुरो':
▪️ अलवर (राजस्थान) के 5 गाँवों ने
▪️ 1,200 हेक्टेयर भूमि को सामुदायिक वन घोषित किया
▪️ अपने नियम-कानून बनाए, शिकार और बाहरी लोगों पर रोक
🌿 6.पवित्र वनों और धार्मिक संरक्षण
🔸 प्रकृति पूजा = पारंपरिक संरक्षण
▪️ पवित्र पेड़ों के झुरमुट – "देव वन", जहाँ कोई पेड़ नहीं काटता
▪️ जनजातियाँ विशेष पेड़ों की पूजा करती हैं
🌳 पूजा के पेड़ों के उदाहरण:
▪️ महुआ, सागवान (कदंब) – मुंडा व संथाल जनजातियाँ
▪️ इमली, आम – ओडिशा व बिहार की शादियों में पूजे जाते हैं
▪️ पीपल, बरगद – आमतौर पर पवित्र माने जाते हैं
🐒 वन्य जीवों का संरक्षण (धार्मिक आधार पर):
▪️ मंदिरों के पास बंदर, लंगूर – भक्त उन्हें खिलाते हैं
▪️ बिश्नोई समुदाय (राजस्थान) –
→ काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय जैसे जानवरों को नहीं सताते
→ जीवों को परिवार का हिस्सा मानते हैं
🌱 7. महत्वपूर्ण पर्यावरणीय आंदोलन
1. चिपको आंदोलन (हिमालय क्षेत्र):
▪️ महिलाओं और गाँववालों ने पेड़ों से चिपककर कटाई रोकी
▪️ स्थानीय पौधों से सामुदायिक वनीकरण की मिसाल दी
2. बीज बचाओ आंदोलन (टिहरी):
▪️ रासायनिक उर्वरकों के बिना
▪️ प्राकृतिक खेती और फसल विविधता का समर्थन
🌲8. संयुक्त वन प्रबंधन (Joint Forest Management – JFM)
▪️ 1988 में ओडिशा से शुरुआत
▪️ सरकार और ग्राम समाज मिलकर वन पुनर्निर्माण करते हैं
▪️ स्थानीय संस्थाएँ बनाई जाती हैं
▪️ लाभ –
→ गैर-इमारती वन उत्पादों (जैसे शहद, फल) पर अधिकार
→ संरक्षण के बदले इमारती लकड़ी में भागीदारी
🧠 सीख और निष्कर्ष
▪️ स्थानीय समुदायों को संरक्षण में मुख्य भूमिका देनी चाहिए
▪️ केवल वही विकास योजनाएँ सफल होंगी –
→ जो जनकेंद्रित,
→ पर्यावरण अनुकूल,
→ और आर्थिक रूप से व्यावहारिक हों
"पेड़ वह जीवधारी है जो अपनी छाया उस कुल्हाड़ी चलाने वाले को भी देता है जो उसे काट रहा हो।"
— गौतम बुद्ध
नीचे भूगोल – कक्षा 10 (NCERT), अध्याय 2: भारत में मृदा (Soil) पर आधारित 20 अति-महत्वपूर्ण MCQ प्रश्नों का मॉक टेस्ट दिया गया है। हर प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं। अंत में उत्तर तालिका और संक्षिप्त व्याख्या भी दी गई है।
📘 Mock Test – अध्याय 2: भारत में मृदा
प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक
📝 प्रश्नावली (MCQ)
-
लेटराइट मृदा का निर्माण किस प्रक्रिया से होता है?
(A) अपरदन
(B) जमाव
(C) निक्षालन
(D) अपक्षय
-
मरुस्थली मृदा की pH विशेषता क्या होती है?
(A) तीव्र अम्लीय
(B) क्षारीय
(C) तटस्थ
(D) अम्लीय
-
लेटराइट मृदा का pH मान सामान्यतः होता है –
(A) 8.0 से अधिक
(B) 7.5
(C) 6.5
(D) 6.0 से कम
-
कौन-सी मृदा भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में बनती है?
(A) जलोढ़
(B) काली
(C) लेटराइट
(D) मरुस्थली
-
मरुस्थली मृदा मुख्यतः कहाँ पाई जाती है?
(A) पश्चिम बंगाल
(B) गुजरात और राजस्थान
(C) बिहार और झारखंड
(D) ओडिशा और छत्तीसगढ़
-
निम्न में से कौन-सी मृदा जल के अपरदन से सबसे अधिक प्रभावित होती है?
(A) जलोढ़ मृदा
(B) लाल मृदा
(C) वन मृदा
(D) मरुस्थली मृदा
-
निम्न में से कौन-सी मृदा अधिसिलिक होती है?
(A) जलोढ़
(B) मरुस्थली
(C) वन मृदा
(D) काली
-
हिमालय क्षेत्र में कौन-सी मृदा प्रमुख है?
(A) काली
(B) मरुस्थली
(C) वन मृदा
(D) जलोढ़
-
लेटराइट मृदा में किस फसल की खेती की जाती है?
(A) गेहूँ
(B) जौ
(C) चाय और काजू
(D) कपास
-
मरुस्थली मृदा की बनावट कैसी होती है?
(A) चिकनी और जलधारण करने वाली
(B) रेतीली और लवणीय
(C) पथरीली
(D) मिट्टीदार और नम
-
मरुस्थली मृदा की जलवाष्पन दर कैसी होती है?
(A) बहुत कम
(B) औसत
(C) अत्यधिक
(D) बदलती रहती है
-
वन मृदा की उपजाऊता किस पर निर्भर करती है?
(A) पर्वत की ऊँचाई
(B) जल निकासी
(C) ह्यूमस की मात्रा
(D) वर्षा की मात्रा
-
मरुस्थली मृदा में कौन-सी फसल उगाई जा सकती है?
(A) धान
(B) बाजरा
(C) चाय
(D) जूट
-
लेटराइट मृदा का रंग कैसा होता है?
(A) काला
(B) पीला
(C) ईंट जैसा लाल
(D) सफेद
-
वन मृदा पर्वतीय ढालों पर कैसी होती है?
(A) चिकनी और गीली
(B) मोटे कणों वाली
(C) रेतीली
(D) दानेदार
-
मरुस्थली मृदा में पोषक तत्वों की मात्रा कैसी होती है?
(A) बहुत अधिक
(B) मध्यम
(C) बहुत कम
(D) सामान्य
-
मरुस्थली मृदा में कहाँ से नमक प्राप्त किया जाता है?
(A) खदानों से
(B) समुद्र से
(C) झीलों से जल वाष्पीकृत कर
(D) नदियों से
-
लेटराइट मृदा में ह्यूमस कब अधिक होता है?
(A) रेगिस्तानी क्षेत्रों में
(B) पहाड़ी क्षेत्रों में
(C) घने वन क्षेत्रों में
(D) नगरीय क्षेत्रों में
-
कौन-सी मृदा भारत के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में पाई जाती है?
(A) जलोढ़
(B) काली
(C) लेटराइट
(D) वन
-
वन मृदा नदी घाटियों में कैसी होती है?
(A) रेतीली
(B) सिल्टदार और दोमट
(C) लवणीय
(D) पथरीली
लेटराइट मृदा का निर्माण किस प्रक्रिया से होता है?
(A) अपरदन
(B) जमाव
(C) निक्षालन
(D) अपक्षय
मरुस्थली मृदा की pH विशेषता क्या होती है?
(A) तीव्र अम्लीय
(B) क्षारीय
(C) तटस्थ
(D) अम्लीय
लेटराइट मृदा का pH मान सामान्यतः होता है –
(A) 8.0 से अधिक
(B) 7.5
(C) 6.5
(D) 6.0 से कम
कौन-सी मृदा भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में बनती है?
(A) जलोढ़
(B) काली
(C) लेटराइट
(D) मरुस्थली
मरुस्थली मृदा मुख्यतः कहाँ पाई जाती है?
(A) पश्चिम बंगाल
(B) गुजरात और राजस्थान
(C) बिहार और झारखंड
(D) ओडिशा और छत्तीसगढ़
निम्न में से कौन-सी मृदा जल के अपरदन से सबसे अधिक प्रभावित होती है?
(A) जलोढ़ मृदा
(B) लाल मृदा
(C) वन मृदा
(D) मरुस्थली मृदा
निम्न में से कौन-सी मृदा अधिसिलिक होती है?
(A) जलोढ़
(B) मरुस्थली
(C) वन मृदा
(D) काली
हिमालय क्षेत्र में कौन-सी मृदा प्रमुख है?
(A) काली
(B) मरुस्थली
(C) वन मृदा
(D) जलोढ़
लेटराइट मृदा में किस फसल की खेती की जाती है?
(A) गेहूँ
(B) जौ
(C) चाय और काजू
(D) कपास
मरुस्थली मृदा की बनावट कैसी होती है?
(A) चिकनी और जलधारण करने वाली
(B) रेतीली और लवणीय
(C) पथरीली
(D) मिट्टीदार और नम
मरुस्थली मृदा की जलवाष्पन दर कैसी होती है?
(A) बहुत कम
(B) औसत
(C) अत्यधिक
(D) बदलती रहती है
वन मृदा की उपजाऊता किस पर निर्भर करती है?
(A) पर्वत की ऊँचाई
(B) जल निकासी
(C) ह्यूमस की मात्रा
(D) वर्षा की मात्रा
मरुस्थली मृदा में कौन-सी फसल उगाई जा सकती है?
(A) धान
(B) बाजरा
(C) चाय
(D) जूट
लेटराइट मृदा का रंग कैसा होता है?
(A) काला
(B) पीला
(C) ईंट जैसा लाल
(D) सफेद
वन मृदा पर्वतीय ढालों पर कैसी होती है?
(A) चिकनी और गीली
(B) मोटे कणों वाली
(C) रेतीली
(D) दानेदार
मरुस्थली मृदा में पोषक तत्वों की मात्रा कैसी होती है?
(A) बहुत अधिक
(B) मध्यम
(C) बहुत कम
(D) सामान्य
मरुस्थली मृदा में कहाँ से नमक प्राप्त किया जाता है?
(A) खदानों से
(B) समुद्र से
(C) झीलों से जल वाष्पीकृत कर
(D) नदियों से
लेटराइट मृदा में ह्यूमस कब अधिक होता है?
(A) रेगिस्तानी क्षेत्रों में
(B) पहाड़ी क्षेत्रों में
(C) घने वन क्षेत्रों में
(D) नगरीय क्षेत्रों में
कौन-सी मृदा भारत के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में पाई जाती है?
(A) जलोढ़
(B) काली
(C) लेटराइट
(D) वन
वन मृदा नदी घाटियों में कैसी होती है?
(A) रेतीली
(B) सिल्टदार और दोमट
(C) लवणीय
(D) पथरीली
✅ उत्तर तालिका और व्याख्या
प्रश्न | उत्तर | संक्षिप्त व्याख्या |
---|---|---|
1 | C | लेटराइट मृदा का निर्माण निक्षालन (leaching) से होता है। |
2 | B | मरुस्थली मृदा सामान्यतः क्षारीय होती है। |
3 | D | लेटराइट मृदा का pH < 6 होता है (अम्लीय)। |
4 | C | लेटराइट मृदा भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में बनती है। |
5 | B | मरुस्थली मृदा राजस्थान, गुजरात आदि में पाई जाती है। |
6 | C | वन मृदा पर्वतीय क्षेत्रों में बहकर बह जाती है। |
7 | C | वन मृदा अधिसिलिक (acidic) होती है। |
8 | C | हिमालय क्षेत्र में वन मृदा पाई जाती है। |
9 | C | लेटराइट मृदा में चाय और काजू की खेती होती है। |
10 | B | मरुस्थली मृदा रेतीली और लवणीय होती है। |
11 | C | मरुस्थली क्षेत्र में वाष्पन दर अधिक होती है। |
12 | C | ह्यूमस की मात्रा से उपजाऊता प्रभावित होती है। |
13 | B | मरुस्थली मृदा में बाजरा जैसे सूखा सहनशील फसलें होती हैं। |
14 | C | लेटराइट मृदा का रंग ईंट जैसा लाल होता है। |
15 | B | पर्वतीय ढालों पर वन मृदा में मोटे कण पाए जाते हैं। |
16 | C | मरुस्थली मृदा में पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। |
17 | C | झीलों से जल वाष्पीकृत कर नमक प्राप्त होता है। |
18 | C | घने वन क्षेत्रों में लेटराइट मृदा में ह्यूमस अधिक होता है। |
19 | C | पश्चिमी घाटों में लेटराइट मृदा पाई जाती है। |
20 | B | वन मृदा नदी घाटियों में दोमट व सिल्टदार होती है। |
Geography Class 10 - Chapter 2: भारत में मृदा संसाधन पर आधारित BPSC TRE 4 लेवल के लिए 20 नए MCQ प्रश्न, जिनमें से कुछ में विकल्प होंगे:
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक और (5) उपयुक्त में से कोई नहीं।
📘 मॉक टेस्ट (Part 2): मृदा संसाधन
1. भारत की सबसे उपजाऊ मृदा कौन-सी मानी जाती है?
(1) जलोढ़ मृदा
(2) काली मृदा
(3) लेटराइट मृदा
(4) लाल मृदा
2. लाल मृदा का रंग लाल क्यों होता है?
(1) पोटैशियम की अधिकता
(2) आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति
(3) ह्यूमस की अधिकता
(4) नाइट्रोजन की कमी
3. काली मृदा की जल धारण क्षमता अधिक होती है क्योंकि –
(1) यह बहुत कठोर होती है
(2) इसमें जैविक पदार्थ की मात्रा अधिक होती है
(3) यह महीन कणों से बनी होती है
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
4. मरुस्थली मृदा से जुड़े कथनों पर विचार करें:
A. ये मृदाएँ लवणीय और रेतीली होती हैं।
B. इनका रंग सामान्यतः काला होता है।
C. इसमें नमी की मात्रा कम होती है।
सही विकल्प चुनिए:
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और C
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
5. किस मृदा में चूने के कंकर की परत पाई जाती है जिससे जल अंत:स्यंदन अवरुद्ध होता है?
(1) काली मृदा
(2) जलोढ़ मृदा
(3) मरुस्थली मृदा
(4) वन मृदा
6. जलोढ़ मृदा मुख्यतः किस प्रक्रिया द्वारा बनी होती है?
(1) लवणीयकरण
(2) वाष्पन
(3) अपरदन एवं निक्षेपण
(4) जलसंधारण
7. निम्न में से कौन-सी मृदा गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान में पाई जाती है?
(1) काली मृदा
(2) जलोढ़ मृदा
(3) लाल मृदा
(4) पहाड़ी मृदा
8. कौन-सी मृदा अम्लीय प्रकृति की होती है?
(1) जलोढ़ मृदा
(2) मरुस्थली मृदा
(3) वन मृदा
(4) काली मृदा
9. लेटराइट मृदा से संबंधित कौन-सा कथन सही है?
(1) इसमें आयरन की कमी होती है
(2) यह नमी को अधिक समय तक संचित रखती है
(3) यह उष्णकटिबंधीय वर्षा के कारण बनती है
(4) यह अत्यधिक उपजाऊ होती है
10. काली मृदा को स्थानीय रूप से क्या कहा जाता है?
(1) काचर
(2) रेगुर
(3) दोमट
(4) बंगा
11. निम्न में से कौन-सी विशेषता वन मृदा की नहीं है?
(1) यह ह्यूमस से भरपूर होती है
(2) यह अम्लीय होती है
(3) इसमें अधिक चूना पाया जाता है
(4) यह पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है
12. जलोढ़ मृदा को उपमित किया जाता है –
(1) काली मिट्टी से
(2) पुराने और नए निक्षेपों से
(3) केवल रेतीली मृदा से
(4) उपयुक्त में से कोई नहीं
13. मृदा अपरदन को नियंत्रित करने के उपाय हैं –
A. वृक्षारोपण
B. ढलानों पर सीढ़ी खेती
C. फसल चक्र
(1) केवल A
(2) A और B
(3) A, B और C
(4) उपयुक्त में से एक से अधिक
14. कौन-सी मृदा काफ़ी उपजाऊ है, परंतु अधिक उपज के कारण तेजी से क्षीण हो सकती है?
(1) जलोढ़ मृदा
(2) मरुस्थली मृदा
(3) लाल मृदा
(4) वन मृदा
15. काली मृदा मुख्यतः किस फसल के लिए उपयुक्त मानी जाती है?
(1) धान
(2) गेहूँ
(3) कपास
(4) ज्वार
16. भारत के किस क्षेत्र में मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाया जा रहा है?
(1) उत्तर प्रदेश
(2) मध्य प्रदेश
(3) पश्चिमी राजस्थान
(4) हिमाचल प्रदेश
17. लाल मृदा अधिकतर किन राज्यों में पाई जाती है?
(1) राजस्थान और पंजाब
(2) उत्तर प्रदेश और बिहार
(3) ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु
(4) जम्मू और उत्तराखंड
18. निम्न में से कौन-सी मृदा खनिजों से भरपूर होती है लेकिन जैविक तत्वों की कमी होती है?
(1) लाल मृदा
(2) जलोढ़ मृदा
(3) मरुस्थली मृदा
(4) काली मृदा
19. "बांगर" और "खादर" शब्द किस मृदा के प्रकार से जुड़े हैं?
(1) काली मृदा
(2) मरुस्थली मृदा
(3) जलोढ़ मृदा
(4) वन मृदा
20. वन मृदा कहाँ अधिक उपजाऊ होती है?
(1) ऊपरी ढाल पर
(2) जलोढ़ पंखों में
(3) पठारी क्षेत्रों में
(4) रेगिस्तानी क्षेत्र में
✅ उत्तर कुंजी और व्याख्या
प्रश्न | उत्तर | व्याख्या |
---|---|---|
1 | (1) | जलोढ़ मृदा अत्यंत उपजाऊ होती है |
2 | (2) | इसमें आयरन ऑक्साइड होता है जो लाल रंग देता है |
3 | (4) | काली मृदा में महीन कण व जैविक तत्व होने से जल धारण क्षमता अधिक होती है |
4 | (3) | मरुस्थली मृदा लवणीय, रेतीली और सूखी होती है |
5 | (3) | मरुस्थली मृदा में चूने के कंकर होते हैं जो जल अवशोषण रोकते हैं |
6 | (3) | जलोढ़ मृदा अपरदन और निक्षेपण से बनती है |
7 | (2) | गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान में जलोढ़ मृदा पाई जाती है |
8 | (3) | वन मृदा अम्लीय होती है |
9 | (3) | लेटराइट मृदा का निर्माण भारी वर्षा से होता है |
10 | (2) | काली मृदा को रेगुर भी कहते हैं |
11 | (3) | वन मृदा में चूना सामान्यतः नहीं पाया जाता |
12 | (2) | जलोढ़ मृदा को बांगर और खादर में बाँटा गया है जो पुराने व नए निक्षेप हैं |
13 | (3) | सभी उपाय मृदा अपरदन रोकने में सहायक हैं |
14 | (1) | जलोढ़ मृदा अधिक उपजाऊ है, लेकिन अधिक उपयोग से कमजोर हो सकती है |
15 | (3) | काली मृदा को कपास के लिए सर्वोत्तम माना जाता है |
16 | (3) | पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाया गया है |
17 | (3) | लाल मृदा ओडिशा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु आदि में पाई जाती है |
18 | (1) | लाल मृदा में खनिज होते हैं लेकिन ह्यूमस की कमी होती है |
19 | (3) | बांगर और खादर जलोढ़ मृदा के प्रकार हैं |
20 | (2) | वन मृदा नदी घाटी के निचले भाग यानी जलोढ़ पंखों में उपजाऊ होती है |