SCERT Bihar (BSEB) कक्षा 8 की इतिहास की पुस्तक "अतीत से वर्तमान – भाग 3" के अध्याय 3: ग्रामीण जीवन और समाज (अंग्रेजी शासन और भारत के गांव)
मैं आपके लिए **SCERT Bihar (BSEB) कक्षा 8 की इतिहास की पुस्तक "अतीत से वर्तमान – भाग 3" के अध्याय 3: ग्रामीण जीवन और समाज (अंग्रेजी शासन और भारत के गांव)** के आधार पर **100 MCQs** बनाऊँगा, जो दो सेटों में होंगे—प्रत्येक सेट में 100 प्रश्न। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होंगे, और (100 प्रश्न) के बाद उत्तर और उनकी विस्तृत व्याख्या दी जाएगी। प्रश्न कक्षा 8 के स्तर के अनुरूप सरल और स्पष्ट होंगे, और पाठ के विभिन्न हिस्सों (स्थायी बंदोबस्त, रैयतवारी, महालवारी, नील की खेती, दक्कन विद्रोह, आदि) को कवर करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं!
Table of Contents
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प्रश्न 1-50: ग्रामीण जीवन और समाज (अंग्रेजी शासन और भारत के गांव)
1. अंग्रेजी शासन से पहले भारत की अर्थव्यवस्था का आधार क्या था?
a) शहर
b) गांव
c) बंदरगाह
d) कारखाने
2. अंग्रेजी शासन से पहले गांवों में अधिकांश लोगों का मुख्य पेशा क्या था?
a) व्यापार
b) कृषि
c) शिक्षा
d) कला
3. अंग्रेजी शासन से पहले गांवों में जमीन का मालिक कौन माना जाता था?
a) जमींदार
b) किसान
c) राजा
d) महाजन
4. गांवों में लगान क्या था?
a) किसानों से लिया जाने वाला कर
b) व्यापारियों से लिया जाने वाला कर
c) केवल सैनिकों से लिया जाने वाला कर
d) केवल कारीगरों से लिया जाने वाला कर
5. अंग्रेजी शासन से पहले गांवों में छोटे-मोटे झगड़ों का समाधान कैसे होता था?
a) राजा के आदेश से
b) आपस में सहयोग से
c) जमींदार के आदेश से
d) महाजनों के माध्यम से
6. अंग्रेजों को बंगाल, बिहार, और उड़ीसा में लगान वसूली का अधिकार कब मिला?
a) 1757 ईस्वी
b) 1765 ईस्वी
c) 1793 ईस्वी
d) 1857 ईस्वी
7. अंग्रेजों ने शुरू में लगान वसूली के लिए किस व्यवस्था को बनाए रखा?
a) रैयतवारी
b) महालवारी
c) पुरानी जमींदारी व्यवस्था
d) ठेकेदारी व्यवस्था
8. ठेकेदारी व्यवस्था में लगान वसूली का अधिकार किसे दिया जाता था?
a) सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को
b) केवल जमींदारों को
c) केवल किसानों को
d) केवल महाजनों को
9. ठेकेदारी व्यवस्था में किसानों को क्या समस्या थी?
a) उन्हें लगान की राशि का पता नहीं होता था
b) उन्हें कोई कर नहीं देना पड़ता था
c) उन्हें केवल व्यापार करना पड़ता था
d) उन्हें केवल शिक्षा लेनी पड़ती थी
10. ठेकेदारी व्यवस्था से कंपनी को क्या समस्या थी?
a) बहुत ज्यादा लाभ मिलता था
b) अगले वर्ष की आमदनी का अनुमान नहीं लग पाता था
c) केवल युद्ध करना पड़ता था
d) केवल कारीगरों को प्रशिक्षण देना पड़ता था
11. स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत कब हुई थी?
a) 1757 ईस्वी
b) 1789 के आसपास
c) 1793 ईस्वी
d) 1857 ईस्वी
12. स्थायी बंदोबस्त में लगान की राशि कितने वर्षों के लिए तय की गई थी?
a) 5 वर्ष
b) 10 वर्ष
c) 20 वर्ष
d) हमेशा के लिए
13. स्थायी बंदोबस्त में जमींदारों को लगान का कितना हिस्सा सरकार को देना पड़ता था?
a) 1/10 भाग
b) 5/10 भाग
c) 9/10 भाग
d) पूरा हिस्सा
14. स्थायी बंदोबस्त में किसानों की उपज का कितना प्रतिशत हिस्सा उनके पास बचता था?
a) 10 प्रतिशत
b) 40 प्रतिशत
c) 60 प्रतिशत
d) 90 प्रतिशत
15. स्थायी बंदोबस्त में जमींदारों को लगान कब जमा करना अनिवार्य था?
a) सूरज डूबने से पहले
b) वर्ष के अंत में
c) हर महीने
d) हर छह महीने में
16. स्थायी बंदोबस्त कहाँ लागू किया गया था?
a) केवल पंजाब
b) बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बनारस, और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में
c) केवल दक्षिण भारत
d) केवल पश्चिमी भारत
17. स्थायी बंदोबस्त में जमीन का मालिक किसे माना गया?
a) राजा
b) जमींदार
c) किसान
d) महाजन
18. अंग्रेजों ने जमींदारों को जमीन का मालिक क्यों बनाया?
a) केवल व्यापार बढ़ाने के लिए
b) अपने शासन को मजबूत करने और समर्थक समूह बनाने के लिए
c) केवल शिक्षा के लिए
d) केवल युद्ध के लिए
19. स्थायी बंदोबस्त की सबसे बड़ी खामी क्या थी?
a) जमींदारों से लगान की राशि तय नहीं थी
b) किसानों से जमींदारों द्वारा ज्यादा लगान वसूली
c) केवल व्यापारियों को नुकसान
d) केवल महाजनों को लाभ
20. रैयतवारी व्यवस्था कहाँ लागू की गई थी?
a) बंगाल और बिहार
b) दक्षिण और पश्चिम भारत
c) पंजाब और दिल्ली
d) केवल उड़ीसा
21. रैयतवारी व्यवस्था में लगान का आधार क्या था?
a) जमींदार की आय
b) जमीन की गुणवत्ता और उपज का औसत
c) केवल सैनिकों की संख्या
d) केवल व्यापार
22. रैयतवारी व्यवस्था में लगान की राशि कितने वर्षों के लिए तय की गई थी?
a) 10 वर्ष
b) 20 वर्ष
c) 30 वर्ष
-pentapentium
d) हमेशा के लिए
23. रैयतवारी व्यवस्था में जमीन का मालिक किसे माना गया था?
a) जमींदार
b) किसान
c) राजा
d) महाजन
24. महालवारी व्यवस्था कहाँ लागू की गई थी?
a) बंगाल और बिहार
b) पंजाब, दिल्ली, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश
c) दक्षिण भारत
d) केवल उड़ीसा
25. महालवारी व्यवस्था में लगान वसूली की इकाई क्या थी?
a) जमींदार
b) किसान
c) गांव या बड़े परिवार
d) महाजन
26. महालवारी व्यवस्था में लगान की राशि कितने वर्षों के लिए तय की गई थी?
a) 10 वर्ष
b) 20 वर्ष
c) 30 वर्ष
d) हमेशा के लिए
27. अंग्रेजी लगान व्यवस्थाओं में सबसे अधिक भूमि किस व्यवस्था के तहत थी?
a) स्थायी बंदोबस्त
b) रैयतवारी व्यवस्था
c) महालवारी व्यवस्था
d) ठेकेदारी व्यवस्था
28. दक्कन विद्रोह कब हुआ था?
a) 1757 ईस्वी
b) 1799 ईस्वी
c) 1875 ईस्वी
d) 1900 ईस्वी
29. दक्कन विद्रोह कहाँ हुआ था?
a) बंगाल और बिहार
b) पूना और अहमदनगर
c) पंजाब और दिल्ली
d) मैसूर और कर्नाटक
30. दक्कन विद्रोह का मुख्य कारण क्या था?
a) व्यापार पर प्रतिबंध
b) ऊँची लगान दरें और महाजनों का शोषण
c) केवल युद्ध
d) केवल शिक्षा की कमी
31. दक्कन विद्रोह में किसानों ने किसका सामाजिक बहिष्कार किया?
a) जमींदारों का
b) महाजनों का
c) अंग्रेज अधिकारियों का
d) व्यापारियों का
32. दक्कन विद्रोह में किसानों ने क्या जलाया?
a) अंग्रेजी कारखाने
b) महाजनों की लाल बही
c) जमींदारों के घर
d) नील की फसलें
33. अंग्रेजों ने किसानों को किन फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया?
a) केवल गेहूँ और चावल
b) नील, पटसन, अफीम, गन्ना, चाय, और कॉफी
c) केवल सब्जियाँ
d) केवल फल
34. नकदी फसल का क्या अर्थ है?
a) खाद्य फसलें
b) व्यापार के लिए बेची जाने वाली फसलें
c) केवल सजावटी फसलें
d) केवल औषधीय फसलें
35. अंग्रेजों ने नील की खेती पर सबसे ज्यादा जोर क्यों दिया?
a) खाद्य फसल के रूप में
b) कपड़ों को रंगने के लिए
c) केवल सजावट के लिए
d) केवल औषधि के लिए
36. नील की खेती किसानों के लिए क्यों हानिकारक थी?
a) इससे मिट्टी खराब हो जाती थी
b) खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी
c) इससे कोई लाभ नहीं था
d) इसमें बहुत ज्यादा पानी लगता था
37. नील की खेती किस मौसम में की जाती थी?
a) गर्मी
b) सर्दी
c) धान के मौसम में
d) बरसात के बाद
38. नील दर्पण नाटक के लेखक कौन थे?
a) माइकेल मधुसूदन दत्त
b) दीनबंधु मित्र
c) रवींद्रनाथ टैगोर
d) बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
39. नील दर्पण नाटक का अंग्रेजी अनुवाद किसने किया?
a) दीनबंधु मित्र
b) माइकेल मधुसूदन दत्त
c) रॉबर्ट क्लाइव
d) रवींद्रनाथ टैगोर
40. नील दर्पण नाटक में किस समस्या को दर्शाया गया था?
a) जमींदारों का शोषण
b) नील किसानों की दुर्दशा
c) व्यापारियों की समस्याएँ
d) महाजनों की समस्याएँ
41. बंगाल में नील किसानों के विद्रोह का क्या परिणाम हुआ?
a) नील की खेती पूरी तरह समाप्त हो गई
b) कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हुई
c) अंग्रेजों ने विद्रोह दबा दिया
d) किसानों को मुफ्त जमीन मिली
42. बिहार में नील की खेती मुख्य रूप से कहाँ की जाती थी?
a) गया और शाहाबाद
b) चम्पारण और मुजफ्फरपुर
c) पटना और भागलपुर
d) मुंगेर और कासिम बाजार
43. बिहार में नील की खेती के दो तरीके कौन-से थे?
a) स्थायी और रैयतवारी
b) जीरात और असामीबार
c) महालवारी और ठेकेदारी
d) स्थायी और महालवारी
44. जीरात प्रणाली में नील की खेती कैसे की जाती थी?
a) किसानों द्वारा अपनी जमीन पर
b) अंग्रेज बगान मालिकों की देखरेख में मजदूरों द्वारा
c) जमींदारों द्वारा
d) व्यापारियों द्वारा
45. असामीबार प्रणाली में नील की खेती कैसे की जाती थी?
a) अंग्रेजों की देखरेख में मजदूरों द्वारा
b) रैयतों को उनकी अपनी जमीन पर बाध्य किया जाता था
c) केवल जमींदारों द्वारा
d) केवल महाजनों द्वारा
46. चम्पारण में तीन कठिया प्रणाली का क्या अर्थ था?
a) तीन बीघा जमीन पर नील की खेती
b) तीन कट्टे प्रति बीघा की दर से नील की खेती
c) तीन प्रकार की फसलों की खेती
d) तीन वर्षों के लिए नील की खेती
47. तीन कठिया प्रणाली के खिलाफ किसने सत्याग्रह शुरू किया?
a) रॉबर्ट क्लाइव
b) महात्मा गांधी
c) मीर कासिम
d) टीपू सुल्तान
48. नई लगान व्यवस्थाओं ने गांवों में किस समूह को मजबूत किया?
a) जमींदार
b) किसान
c) महाजन
d) व्यापारी
49. अंग्रेजी लगान व्यवस्थाओं से किसानों को क्या नुकसान हुआ?
a) खेती में सुधार के लिए प्रोत्साहन मिला
b) ऊँची लगान दरों के कारण कर्ज में डूब गए
c) अधिक जमीन मिली
d) केवल व्यापार में नुकसान हुआ
50. रिकार्डों के अनुसार जमींदारों का उत्पादन में क्या योगदान था?
a) बहुत अधिक
b) कोई सकारात्मक योगदान नहीं
c) केवल व्यापार में योगदान
d) केवल शिक्षा में योगदान
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उत्तर और व्याख्या (प्रश्न 1-50)
1. उत्तर: b) गांव
व्याख्या: अंग्रेजी शासन से पहले भारत की अर्थव्यवस्था गांवों पर आधारित थी, जहाँ अधिकांश लोग रहते थे।
2. उत्तर: b) कृषि
व्याख्या: गांवों में अधिकांश लोगों का मुख्य पेशा कृषि था, जिससे देश आत्मनिर्भर और सम्पन्न था।
3. उत्तर: c) राजा
व्याख्या: उस समय समूची जमीन का मालिक राजा माना जाता था, और जमींदार व किसानों का अधिकार लगान देने तक सीमित था।
4. उत्तर: a) किसानों से लिया जाने वाला कर
व्याख्या: लगान कृषि उपज पर राजा द्वारा किसानों से लिया जाने वाला कर था।
5. उत्तर: b) आपस में सहयोग से
व्याख्या: गांवों में छोटे-मोटे झगड़ों का समाधान आपसी सहयोग से हो जाता था।
6. उत्तर: b) 1765 ईस्वी
व्याख्या: 1765 में बक्सर युद्ध के बाद कंपनी को बंगाल, बिहार, और उड़ीसा की दीवानी (लगान वसूली का अधिकार) मिला।
7. उत्तर: c) पुरानी जमींदारी व्यवस्था
व्याख्या: अंग्रेजों ने शुरू में पुरानी जमींदारी व्यवस्था को बनाए रखा।
8. उत्तर: a) सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को
व्याख्या: ठेकेदारी व्यवस्था में सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को लगान वसूली का अधिकार दिया जाता था।
9. उत्तर: a) उन्हें लगान की राशि का पता नहीं होता था
व्याख्या: ठेकेदारी व्यवस्था में किसानों को हर साल लगान की राशि का अनुमान नहीं होता था।
10. उत्तर: b) अगले वर्ष की आमदनी का अनुमान नहीं लग पाता था
व्याख्या: ठेकेदारी व्यवस्था में कंपनी को अगले वर्ष की आमदनी का अनुमान नहीं लग पाता था।
11. उत्तर: b) 1789 के आसपास
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत 1789 के आसपास हुई थी।
12. उत्तर: d) हमेशा के लिए
व्याख्या: 1793 में स्थायी बंदोबस्त में लगान की राशि हमेशा के लिए तय कर दी गई।
13. उत्तर: c) 9/10 भाग
व्याख्या: जमींदारों को किसानों से वसूले गए लगान का 9/10 भाग सरकार को देना पड़ता था।
14. उत्तर: b) 40 प्रतिशत
व्याख्या: किसानों की उपज का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा उनके पास बचता था।
15. उत्तर: a) सूरज डूबने से पहले
व्याख्या: जमींदारों को नियत तिथि पर सूरज डूबने से पहले लगान जमा करना अनिवार्य था।
16. उत्तर: b) बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बनारस, और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त इन क्षेत्रों में लागू किया गया था।
17. उत्तर: b) जमींदार
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त में जमींदारों को जमीन का मालिक माना गया।
18. उत्तर: b) अपने शासन को मजबूत करने और समर्थक समूह बनाने के लिए
व्याख्या: अंग्रेजों ने जमींदारों को जमीन का मालिक बनाकर अपने शासन को मजबूत किया और समर्थक समूह बनाया।
19. उत्तर: b) किसानों से जमींदारों द्वारा ज्यादा लगान वसूली
व्याख्या: जमींदारों द्वारा किसानों से जरूरत से ज्यादा लगान वसूली इस व्यवस्था की सबसे बड़ी खामी थी।
20. उत्तर: b) दक्षिण और पश्चिम भारत
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था दक्षिण और पश्चिम भारत में लागू की गई थी।
21. उत्तर: b) जमीन की गुणवत्ता और उपज का औसत
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में लगान जमीन की गुणवत्ता और पिछले कुछ वर्षों की उपज के औसत पर आधारित था।
22. उत्तर: c) 30 वर्ष
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में लगान की राशि प्रत्येक 30 वर्ष बाद बदली जाती थी।
23. उत्तर: b) किसान
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में किसानों को जमीन का मालिक माना गया था।
24. उत्तर: b) पंजाब, दिल्ली, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था इन क्षेत्रों में लागू की गई थी।
25. उत्तर: c) गांव या बड़े परिवार
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था में गांव या बड़े परिवारों (महाल) से लगान वसूला जाता था।
26. उत्तर: c) 30 वर्ष
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था में लगान की राशि 30 वर्षों के लिए तय की गई थी।
27. उत्तर: b) रैयतवारी व्यवस्था
व्याख्या: कुल कृषि योग्य भूमि का 52 प्रतिशत रैयतवारी व्यवस्था के तहत था।
28. उत्तर: c) 1875 ईस्वी
व्याख्या: दक्कन विद्रोह 1875 में हुआ था।
29. उत्तर: b) पूना और अहमदनगर
व्याख्या: दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना और अहमदनगर जिलों में हुआ था।
30. उत्तर: b) ऊँची लगान दरें और महाजनों का शोषण
व्याख्या: ऊँची लगान दरें और महाजनों के शोषण के कारण दक्कन विद्रोह हुआ।
31. उत्तर: b) महाजनों का
व्याख्या: किसानों ने महाजनों का सामाजिक बहिष्कार किया।
32. उत्तर: b) महाजनों की लाल बही
व्याख्या: किसानों ने महाजनों की लाल बही (दस्तावेज) लूटी और जलाई।
33. उत्तर: b) नील, पटसन, अफीम, गन्ना, चाय, और कॉफी
व्याख्या: अंग्रेजों ने इन नकदी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया।
34. उत्तर: b) व्यापार के लिए बेची जाने वाली फसलें
व्याख्या: नकदी फसलें व्यापार के लिए बेची जाती थीं, जैसे नील, अफीम, आदि।
35. उत्तर: b) कपड़ों को रंगने के लिए
व्याख्या: नील की मांग यूरोप में कपड़ों को रंगने के लिए थी।
36. उत्तर: b) खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी
व्याख्या: नील की खेती धान के मौसम में होती थी, जिससे खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी।
37. उत्तर: c) धान के मौसम में
व्याख्या: नील की खेती धान के मौसम में की जाती थी, जिससे धान की खेती में देरी होती थी।
38. उत्तर: b) दीनबंधु मित्र
व्याख्या: नील दर्पण नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे।
39. उत्तर: b) माइकेल मधुसूदन दत्त
व्याख्या: नील दर्पण का अंग्रेजी अनुवाद माइकेल मधुसूदन दत्त ने किया।
40. उत्तर: b) नील किसानों की दुर्दशा
व्याख्या: नील दर्पण में नील किसानों की समस्याओं और शोषण को दर्शाया गया था।
41. उत्तर: b) कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हुई
व्याख्या: नील किसानों के विद्रोह के कारण बंगाल के कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हो गई।
42. उत्तर: b) चम्पारण और मुजफ्फरपुर
व्याख्या: बिहार में नील की खेती मुख्य रूप से चम्पारण और मुजफ्फरपुर में की जाती थी।
43. उत्तर: b) जीरात और असामीबार
व्याख्या: बिहार में नील की खेती जीरात और असामीबार प्रणालियों से की जाती थी।
44. उत्तर: b) अंग्रेज बगान मालिकों की देखरेख में मजदूरों द्वारा
व्याख्या: जीरात प्रणाली में अंग्रेज बगान मालिकों की देखरेख में मजदूरों से नील की खेती करवाई जाती थी।
45. उत्तर: b) रैयतों को उनकी अपनी जमीन पर बाध्य किया जाता था
व्याख्या: असामीबार प्रणाली में रैयतों को उनकी अपनी जमीन पर नील की खेती करने के लिए बाध्य किया जाता था।
46. उत्तर: b) तीन कट्टे प्रति बीघा की दर से नील की खेती
व्याख्या: तीन कठिया प्रणाली में किसानों को तीन कट्टे प्रति बीघा की दर से नील की खेती करनी पड़ती थी।
47. उत्तर: b) महात्मा गांधी
व्याख्या: महात्मा गांधी ने चम्पारण में तीन कठिया प्रणाली के खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया।
48. उत्तर: c) महाजन
व्याख्या: नई लगान व्यवस्थाओं ने महाजनों को मजबूत किया, क्योंकि किसान और जमींदार उनसे कर्ज लेते थे।
49. उत्तर: b) ऊँची लगान दरों के कारण कर्ज में डूब गए
व्याख्या: ऊँची लगान दरों के कारण किसान कर्ज में डूब गए और महाजनों के चंगुल में फंस गए।
50. उत्तर: b) कोई सकारात्मक योगदान नहीं
व्याख्या: रिकार्डों के अनुसार जमींदारों का उत्पादन में कोई सकारात्मक योगदान नहीं था।
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प्रश्न 51-100: ग्रामीण जीवन और समाज (अंग्रेजी शासन और भारत के गांव)
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51. अंग्रेजी शासन से पहले गांवों में किसानों को जमीन कैसे मिलती थी?
a) खरीदकर
b) राजा से
c) जमींदारों से
d) महाजनों से
52. अंग्रेजी शासन से पहले गांवों में राजा का हस्तक्षेप कैसा था?
a) बहुत अधिक
b) बहुत कम
c) केवल युद्ध के समय
d) केवल व्यापार के समय
53. अंग्रेजों ने गांवों पर नियंत्रण क्यों स्थापित करना चाहा?
a) केवल शिक्षा के लिए
b) लगान वसूली के लिए
c) केवल कला के लिए
d) केवल युद्ध के लिए
54. ठेकेदारी व्यवस्था में ठेकेदारों को क्या लाभ था?
a) केवल जमीन
b) तय राशि से ज्यादा वसूली का लाभ
c) केवल सैनिक शक्ति
d) केवल व्यापार
55. स्थायी बंदोबस्त में जमींदारों की जमींदारी कब नीलाम हो जाती थी?
a) अधिक लाभ कमाने पर
b) समय पर लगान न जमा करने पर
c) केवल युद्ध हारने पर
d) केवल व्यापार न करने पर
56. स्थायी बंदोबस्त में जमींदारों को कर्ज लेने की क्या सुविधा थी?
a) केवल व्यापार के लिए
b) जमींदारी का हिस्सा गिरवी रखकर
c) केवल युद्ध के लिए
d) केवल शिक्षा के लिए
57. अंग्रेजों ने जमींदारों को समर्थक समूह बनाने के लिए क्या किया?
a) उन्हें जमीन का मालिक बनाया
b) उन्हें मुफ्त जमीन दी
c) उन्हें केवल व्यापार की अनुमति दी
d) उन्हें केवल शिक्षा दी
58. स्थायी बंदोबस्त से पुराने जमींदारों को क्या नुकसान हुआ?
a) उनकी जमींदारी छिन गई
b) उन्हें अधिक जमीन मिली
c) उन्हें केवल व्यापार करना पड़ा
d) उन्हें केवल शिक्षा लेनी पड़ी
59. रैयतवारी व्यवस्था में लगान की राशि कैसे तय की जाती थी?
a) जमींदारों की आय के आधार पर
b) जमीन की गुणवत्ता और उपज के औसत के आधार पर
c) केवल सैनिकों की संख्या के आधार पर
d) केवल व्यापार के आधार पर
60. रैयतवारी व्यवस्था में किसानों को क्या प्रोत्साहन नहीं मिलता था?
a) खेती में सुधार के लिए
b) व्यापार के लिए
c) शिक्षा के लिए
d) युद्ध के लिए
61. महालवारी व्यवस्था में महाल का क्या अर्थ था?
a) जमींदार
b) गांव या बड़े परिवार
c) किसान
d) महाजन
62. अंग्रेजी लगान व्यवस्थाओं में कुल कृषि योग्य भूमि का कितना प्रतिशत स्थायी बंदोबस्त के तहत था?
a) 19 प्रतिशत
b) 29 प्रतिशत
c) 52 प्रतिशत
d) 100 प्रतिशत
63. अंग्रेजी लगान व्यवस्थाओं में कुल कृषि योग्य भूमि का कितना प्रतिशत रैयतवारी व्यवस्था के तहत था?
a) 19 प्रतिशत
b) 29 प्रतिशत
c) 52 प्रतिशत
d) 100 प्रतिशत
64. दक्कन विद्रोह में किसानों ने महाजनों के खिलाफ क्या किया?
a) केवल युद्ध
b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
c) केवल व्यापार बंद करना
d) केवल शिक्षा मांगना
65. दक्कन विद्रोह का परिणाम क्या था?
a) महाजनों ने क्षेत्र छोड़ दिया
b) अंग्रेजों ने विद्रोह दबा दिया
c) किसानों को मुफ्त जमीन मिली
d) जमींदारों को नुकसान हुआ
66. अंग्रेजों ने किन नकदी फसलों को बढ़ावा दिया?
a) केवल गेहूँ और चावल
b) नील, पटसन, अफीम, गन्ना, चाय, और कॉफी
c) केवल सब्जियाँ
d) केवल फल
67. नील की खेती से किसानों को क्या नुकसान हुआ?
a) खाद्य फसलों के लिए कम समय और जमीन
b) अधिक लाभ
c) केवल व्यापार में नुकसान
d) केवल शिक्षा में नुकसान
68. नील की खेती के बाद खेत में क्या समस्या थी?
a) उस साल कोई और फसल नहीं उगती थी
b) मिट्टी अधिक उपजाऊ हो जाती थी
c) केवल पानी की कमी
d) केवल कीटों की समस्या
69. नील दर्पण नाटक कब प्रकाशित हुआ था?
a) 1757 ईस्वी
b) 1860 ईस्वी
c) 1900 ईस्वी
d) 1857 ईस्वी
70. नील दर्पण नाटक में किसान गुलुक चौधरी ने क्या कहा?
a) मैं व्यापार करूँगा
b) मैं नील की खेती नहीं करूँगा
c) मैं जमींदार बनूँगा
d) मैं शिक्षा लूँगा
71. बंगाल में नील किसानों के विद्रोह में किसने उनका साथ दिया?
a) अंग्रेज अधिकारी
b) भारतीय जमींदार
c) व्यापारी
d) महाजन
72. बंगाल में नील किसानों के विद्रोह का समर्थन किसने किया?
a) केवल अंग्रेज अधिकारी
b) पढ़े-लिखे लोग और अखबार
c) केवल महाजन
d) केवल व्यापारी
73. बिहार में नील की खेती के लिए जमींदारों ने क्या किया?
a) अपनी जमीन मुफ्त में दी
b) अपनी जमीन अंग्रेजों को पट्टे पर दी
c) केवल व्यापार किया
d) केवल शिक्षा दी
74. बिहार में अफीम उत्पादन में कौन-सा जिला प्रथम था?
a) चम्पारण
b) मुजफ्फरपुर
c) गया
d) शाहाबाद
75. तीन कठिया प्रणाली में किसानों को कितनी नील की खेती करनी पड़ती थी?
a) एक कट्टा प्रति बीघा
b) दो कट्टे प्रति बीघा
c) तीन कट्टे प्रति बीघा
d) चार कट्टे प्रति बीघा
76. नई लगान व्यवस्थाओं ने किसानों को कैसे प्रभावित किया?
a) उन्हें अधिक जमीन मिली
b) वे कर्ज में डूब गए
c) उन्हें मुफ्त शिक्षा मिली
d) उन्हें व्यापार में लाभ हुआ
77. स्थायी बंदोबस्त से कितने पुराने जमींदारों की जमींदारी छिन गई?
a) लगभग आधे
b) सभी
c) एक-चौथाई
d) कोई नहीं
78. नई लगान व्यवस्थाओं ने गांवों में किस समूह को प्रभावी बनाया?
a) जमींदार
b) किसान
c) महाजन
d) व्यापारी
79. रिकार्डों की पुस्तक का नाम क्या था?
a) प्रिन्सिपल्स ऑफ पॉलिटिकल इकॉनोमी
b) नील दर्पण
c) ग्रामीण जीवन
d) भारतीय इतिहास
80. रिकार्डों के अनुसार जमींदारों की आय पर क्या करना चाहिए?
a) कर लगाना चाहिए
b) मुफ्त जमीन देनी चाहिए
c) व्यापार की अनुमति देनी चाहिए
d) शिक्षा देनी चाहिए
81. रैयतवारी व्यवस्था में किसानों को खेती में सुधार करने से क्यों रोका गया?
a) क्योंकि इससे लगान की राशि बढ़ जाती थी
b) क्योंकि इससे व्यापार कम होता था
c) क्योंकि इससे युद्ध होता था
d) क्योंकि इससे शिक्षा कम होती थी
82. महालवारी व्यवस्था में लगान की राशि कैसे तय की जाती थी?
a) जमींदारों की आय के आधार पर
b) उपज के आधार पर
c) सैनिकों की संख्या के आधार पर
d) व्यापार के आधार पर
83. दक्कन विद्रोह में किसानों ने अहिंसक तरीके से क्या किया?
a) केवल युद्ध
b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
c) केवल व्यापार बंद करना
d) केवल शिक्षा मांगना
84. नील की खेती के कारण किसानों को क्या समस्या थी?
a) अनाज की कमी
b) अधिक लाभ
c) केवल व्यापार में नुकसान
d) केवल शिक्षा में नुकसान
85. नील की खेती के लिए अंग्रेजों ने क्या किया?
a) किसानों को मुफ्त जमीन दी
b) किसानों को डराया-धमकाया
c) केवल व्यापार की अनुमति दी
d) केवल शिक्षा दी
86. नील दर्पण नाटक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) अंग्रेजों की नीतियों की आलोचना
b) व्यापार को बढ़ावा देना
c) केवल शिक्षा को बढ़ावा देना
d) केवल युद्ध को बढ़ावा देना
87. बंगाल में नील किसानों के विद्रोह का क्या परिणाम हुआ?
a) अंग्रेजों ने विद्रोह दबा दिया
b) कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हुई
c) किसानों को मुफ्त जमीन मिली
d) जमींदारों को नुकसान हुआ
88. बिहार में नील की खेती के लिए अंग्रेजों ने जमींदारों से क्या लिया?
a) मुफ्त जमीन
b) जमीन पट्टे पर
c) केवल व्यापार की अनुमति
d) केवल शिक्षा
89. तीन कठिया प्रणाली का विरोध किसने किया?
a) रॉबर्ट क्लाइव
b) महात्मा गांधी
c) मीर कासिम
d) टीपू सुल्तान
90. नई लगान व्यवस्थाओं ने किसानों को कैसे प्रभावित किया?
a) उन्हें अधिक जमीन मिली
b) वे कर्ज में डूब गए
c) उन्हें मुफ्त शिक्षा मिली
d) उन्हें व्यापार में लाभ हुआ
91. स्थायी बंदोबस्त से पुराने जमींदारों को क्या नुकसान हुआ?
a) उनकी जमींदारी छिन गई
b) उन्हें अधिक जमीन मिली
c) उन्हें केवल व्यापार करना पड़ा
d) उन्हें केवल शिक्षा लेनी पड़ी
92. रैयतवारी व्यवस्था में किसानों को क्या करना पड़ता था?
a) केवल व्यापार
b) लगान देना
c) केवल युद्ध
d) केवल शिक्षा
93. महालवारी व्यवस्था में लगान वसूली का दायित्व किसका था?
a) जमींदार
b) गांव प्रमुख या बड़े परिवार
c) किसान
d) महाजन
94. अंग्रेजी लगान व्यवस्थाओं में सबसे कम भूमि किस व्यवस्था के तहत थी?
a) स्थायी बंदोबस्त
b) रैयतवारी व्यवस्था
c) महालवारी व्यवस्था
d) ठेकेदारी व्यवस्था
95. दक्कन विद्रोह में किसानों ने महाजनों के खिलाफ क्या किया?
a) केवल युद्ध
b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
c) केवल व्यापार बंद करना
d) केवल शिक्षा मांगना
96. नील की खेती के कारण किसानों को क्या नुकसान हुआ?
a) अनाज की कमी
b) अधिक लाभ
c) केवल व्यापार में नुकसान
d) केवल शिक्षा में नुकसान
97. नील दर्पण नाटक में किसान गुलुक चौधरी ने क्या कहा?
a) मैं व्यापार करूँगा
b) मैं नील की खेती नहीं करूँगा
c) मैं जमींदार बनूँगा
d) मैं शिक्षा लूँगा
98. बंगाल में नील किसानों के विद्रोह में किसने उनका साथ दिया?
a) अंग्रेज अधिकारी
b) भारतीय जमींदार
c) व्यापारी
d) महाजन
99. बिहार में नील की खेती के लिए जमींदारों ने क्या किया?
a) अपनी जमीन मुफ्त में दी
b) अपनी जमीन अंग्रेजों को पट्टे पर दी
c) केवल व्यापार किया
d) केवल शिक्षा दी
100. तीन कठिया प्रणाली में किसानों को कितनी नील की खेती करनी पड़ती थी?
a) एक कट्टा प्रति बीघा
b) दो कट्टे प्रति बीघा
c) तीन कट्टे प्रति बीघा
d) चार कट्टे प्रति बीघा
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उत्तर और व्याख्या (प्रश्न 51-100)
51. उत्तर: b) राजा से
व्याख्या: अंग्रेजी शासन से पहले किसानों को खेती के लिए जमीन राजा से मिलती थी।
52. उत्तर: b) बहुत कम
व्याख्या: राजा का गांवों में हस्तक्षेप बहुत कम होता था, वे केवल लगान वसूलते थे।
53. उत्तर: b) लगान वसूली के लिए
व्याख्या: अंग्रेजों ने गांवों पर नियंत्रण लगान वसूली के लिए स्थापित किया।
54. उत्तर: b) तय राशि से ज्यादा वसूली का लाभ
व्याख्या: ठेकेदार तय राशि से ज्यादा वसूली का लाभ अपने पास रखते थे।
55. उत्तर: b) समय पर लगान न जमा करने पर
व्याख्या: समय पर लगान न जमा करने पर जमींदारों की जमींदारी नीलाम कर दी जाती थी।
56. उत्तर: b) जमींदारी का हिस्सा गिरवी रखकर
व्याख्या: जमींदार जमींदारी का हिस्सा गिरवी रखकर कर्ज ले सकते थे।
57. उत्तर: a) उन्हें जमीन का मालिक बनाया
व्याख्या: अंग्रेजों ने जमींदारों को जमीन का मालिक बनाकर समर्थक समूह बनाया।
58. उत्तर: a) उनकी जमींदारी छिन गई
व्याख्या: समय पर लगान न जमा करने के कारण कई पुराने जमींदारों की जमींदारी छिन गई।
59. उत्तर: b) जमीन की गुणवत्ता और उपज के औसत के आधार पर
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में लगान की राशि जमीन की गुणवत्ता और उपज के औसत पर आधारित थी।
60. उत्तर: a) खेती में सुधार के लिए
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में लगान की राशि बढ़ने के डर से किसान खेती में सुधार नहीं करते थे।
61. उत्तर: b) गांव या बड़े परिवार
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था में महाल का अर्थ गांव या बड़े परिवार थे।
62. उत्तर: a) 19 प्रतिशत
व्याख्या: कुल कृषि योग्य भूमि का 19 प्रतिशत स्थायी बंदोबस्त के तहत था।
63. उत्तर: c) 52 प्रतिशत
व्याख्या: कुल कृषि योग्य भूमि का 52 प्रतिशत रैयतवारी व्यवस्था के तहत था।
64. उत्तर: b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
व्याख्या: दक्कन विद्रोह में किसानों ने महाजनों का सामाजिक बहिष्कार किया और उनकी लाल बही जलाई।
65. उत्तर: a) महाजनों ने क्षेत्र छोड़ दिया
व्याख्या: दक्कन विद्रोह के कारण महाजनों ने क्षेत्र छोड़ दिया।
66. उत्तर: b) नील, पटसन, अफीम, गन्ना, चाय, और कॉफी
व्याख्या: अंग्रेजों ने इन नकदी फसलों को बढ़ावा दिया।
67. उत्तर: a) खाद्य फसलों के लिए कम समय और जमीन
व्याख्या: नील की खेती के कारण खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी।
68. उत्तर: a) उस साल कोई और फसल नहीं उगती थी
व्याख्या: नील की खेती के बाद उस साल खेत में कोई और फसल नहीं उगाई जा सकती थी।
69. उत्तर: b) 1860 ईस्वी
व्याख्या: नील दर्पण नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था।
70. उत्तर: b) मैं नील की खेती नहीं करूँगा
व्याख्या: गुलुक चौधरी ने नील की खेती न करने की बात कही।
71. उत्तर: b) भारतीय जमींदार
व्याख्या: बंगाल में नील किसानों के विद्रोह में भारतीय जमींदारों ने उनका साथ दिया।
72. उत्तर: b) पढ़े-लिखे लोग और अखबार
व्याख्या: बंगाल के पढ़े-लिखे लोगों और अखबारों ने नील किसानों के विद्रोह का समर्थन किया।
73. उत्तर: b) अपनी जमीन अंग्रेजों को पट्टे पर दी
व्याख्या: जमींदारों ने अपनी जमीन अंग्रेजों को नील की खेती के लिए पट्टे पर दी।
74. उत्तर: c) गया
व्याख्या: गया जिला बंगाल प्रांत में अफीम उत्पादन में प्रथम था।
75. उत्तर: c) तीन कट्टे प्रति बीघा
व्याख्या: तीन कठिया प्रणाली में किसानों को तीन कट्टे प्रति बीघा की दर से नील की खेती करनी पड़ती थी।
76. उत्तर: b) वे कर्ज में डूब गए
व्याख्या: ऊँची लगान दरों के कारण किसान कर्ज में डूब गए।
77. उत्तर: a) लगभग आधे
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त के कारण लगभग आधे पुराने जमींदारों की जमींदारी छिन गई।
78. उत्तर: c) महाजन
व्याख्या: नई लगान व्यवस्थाओं ने महाजनों को प्रभावी बनाया।
79. उत्तर: a) प्रिन्सिपल्स ऑफ पॉलिटिकल इकॉनोमी
व्याख्या: रिकार्डों की पुस्तक का नाम प्रिन्सिपल्स ऑफ पॉलिटिकल इकॉनोमी था।
80. उत्तर: a) कर लगाना चाहिए
व्याख्या: रिकार्डों के अनुसार जमींदारों की आय पर कर लगाना चाहिए।
81. उत्तर: a) क्योंकि इससे लगान की राशि बढ़ जाती थी
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में खेती में सुधार करने से लगान की राशि बढ़ने का डर था।
82. उत्तर: b) उपज के आधार पर
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था में लगान की राशि उपज के आधार पर तय की जाती थी।
83. उत्तर: b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
व्याख्या: दक्कन विद्रोह में किसानों ने महाजनों का सामाजिक बहिष्कार किया और उनकी लाल बही जलाई।
84. उत्तर: a) अनाज की कमी
व्याख्या: नील की खेती के कारण खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी, जिससे अनाज की कमी हुई।
85. उत्तर: b) किसानों को डराया-धमकाया
व्याख्या: अंग्रेजों ने नील की खेती के लिए किसानों को डराया-धमकाया और लोभ-लालच दिया।
86. उत्तर: a) अंग्रेजों की नीतियों की आलोचना
व्याख्या: नील दर्पण नाटक का उद्देश्य अंग्रेजों की नील नीतियों की आलोचना करना था।
87. उत्तर: b) कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हुई
व्याख्या: नील किसानों के विद्रोह के कारण बंगाल के कुछ इलाकों में नील की खेती समाप्त हो गई।
88. उत्तर: b) अपनी जमीन अंग्रेजों को पट्टे पर दी
व्याख्या: जमींदारों ने अपनी जमीन अंग्रेजों को नील की खेती के लिए पट्टे पर दी।
89. उत्तर: b) महात्मा गांधी
व्याख्या: महात्मा गांधी ने तीन कठिया प्रणाली के खिलाफ चम्पारण में सत्याग्रह शुरू किया।
90. उत्तर: b) वे कर्ज में डूब गए
व्याख्या: ऊँची लगान दरों के कारण किसान कर्ज में डूब गए।
91. उत्तर: a) उनकी जमींदारी छिन गई
व्याख्या: समय पर लगान न जमा करने के कारण कई पुराने जमींदारों की जमींदारी छिन गई।
92. उत्तर: b) लगान देना
व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में किसानों को सीधे लगान देना पड़ता था।
93. उत्तर: b) गांव प्रमुख या बड़े परिवार
व्याख्या: महालवारी व्यवस्था में गांव प्रमुख या बड़े परिवार लगान वसूलकर सरकार को देते थे।
94. उत्तर: a) स्थायी बंदोबस्त
व्याख्या: कुल कृषि योग्य भूमि का केवल 19 प्रतिशत स्थायी बंदोबस्त के तहत था।
95. उत्तर: b) सामाजिक बहिष्कार और लाल बही जलाना
व्याख्या: दक्कन विद्रोह में किसानों ने महाजनों का सामाजिक बहिष्कार किया और उनकी लाल बही जलाई।
96. उत्तर: a) अनाज की कमी
व्याख्या: नील की खेती के कारण खाद्य फसलों के लिए समय और जमीन कम बचती थी, जिससे अनाज की कमी हुई।
97. उत्तर: b) मैं नील की खेती नहीं करूँगा
व्याख्या: गुलुक चौधरी ने नील की खेती न करने की बात कही।
98. उत्तर: b) भारतीय जमींदार
व्याख्या: बंगाल में नील किसानों के विद्रोह में भारतीय जमींदारों ने उनका साथ दिया।
99. उत्तर: b) अपनी जमीन अंग्रेजों को पट्टे पर दी
व्याख्या: जमींदारों ने अपनी जमीन अंग्रेजों को नील की खेती के लिए पट्टे पर दी।
100. उत्तर: c) तीन कट्टे प्रति बीघा
व्याख्या: तीन कठिया प्रणाली में किसानों को तीन कट्टे प्रति बीघा की दर से नील की खेती करनी पड़ती थी।
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मेरे भाई, दोनों सेट (1-50 और 51-100) और उनके उत्तर तैयार हैं! 😊