आज हम आपसे ऐसी बात करना चाहते हैं जो हमारा खुद का एक अपना एक्सपीरियंस या तजुर्बा है।आज के समय में हर पेरेट्स की एक ही शिकायत होती है। हम अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएं।
आज हमारे सामने एक बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा हो चुका है। जिसको चाह कर भी हम हल नहीं कर सक रहे हैं। आज के पेरेंट्स को अपने बच्चे के बारे में सबसे ज्यादा शिकायत यह है कि हमारे बच्चे पढ़ते नहीं है। हम लाख ही कोशिश करते हैं कि हमारे बच्चे पढ़ ले।
लेकिन वह हमें पढ़कर नहीं देते हैं। और दिन रात मोबाइल या टीवी में लगे रहते हैं। बहुत ज्यादा कोशिश और समझाने और कई बार तो पिटाई की भी नौबत आ जाती है, लेकिन फिर भी वह मानते नहीं है।
और पढ़ने को तैयार नहीं होते हैं। तो हमें ऐसे हालत में क्या करना चाहिए? हमें कहां जाना चाहिए? और हमें किस से सलाह लेनी चाहिए।और भी बहुत सारे प्रश्न या सवाल हमारे सामने आते रहते हैं।
No. | 🗣➠हैडलाइन |
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1. | पिटाई ना करें |
2. | सलाह |
3. | आंखों का डर दिखाएं। |
4. | अनुशासन |
5. | जबरदस्ती बच्चे को पढ़ने के लिए मजबूर ना करें। |
6. | ब्रेक बहुत जरूरी है |
7. | बच्चों को ज्यादा देर टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल पर ना बैठने दें |
8. | खाली समय में बच्चे क्या कर रहे हैं ध्यान दें। |
9. | दोस्तों के समूह पर जरूर ध्यान दें। |
10. | बच्चे के पढ़ाने का रोचक और नया तरीका ढूंढें। |
11. | बच्चों के होमवर्क को चेक करें |
12. | इनाम |
13. | स्कूल या ट्यूशन जाते समय पैसे ना देकर चीज दें। |
14. | रोज कुछ नया सिखाएं |
15. | रात सोते समय अच्छाइयां और बुराइयां सुनाना |
16. | कंपटीशन ना कराएं |
17. | पिटाई कैसे करें |
लेकिन हमें इनका कोई सॉल्यूशन नहीं मिलता। तो इसलिए हमने कई सारे रिसर्च और जानकारियां इकट्ठा करके आपको पूरी पूरी सलाह देने की कोशिश की है। आप हमारी पोस्ट को पूरा पढ़ें।
➡️ LET'S-TALK
- पिटाई ना करें
- सलाह
बच्चे की पिटाई एक हद तक की जाए मेरा कहने का मतलब यह है कि बच्चे की पिटाई आप ऐसे कीजिए कि उसे अपनी गलती का एहसास हो।
- आंखों का डर दिखाएं।
बच्चों को हमेशा अपनी आंखों का डर दिखाना चाहिए ऐसा लगे के आप उनसे रूठ रहे हैं।फिर तब बच्चे यह सोचेंगे कि हमारे पेरेंट्स कभी हमसे नाराज या हम पर गुस्सा नहीं करते हैं। लेकिन आज कर रहे हैं तो इसका साफ मतलब यह है कि हमने वाकई कोई गलती की है।
- अनुशासन
अनुशासन हर बच्चे की जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, आजकल कई पेरेंट्स अपने बच्चों को शुरुआत से ही ट्यूशन भेजना शुरू कर देते हैं।जो हमारे हिसाब से सही नहीं है। जितना हो सके आप अपने बच्चों को अपने साथ ही पढ़ाने की कोशिश करें।
- जबरदस्ती बच्चे को पढ़ने के लिए मजबूर ना करें।
ऐसा कई बार होता है कि आप जबरदस्ती अपने बच्चों को पढ़ने के लिए और फ़ोर्स करते हैं। बच्चों को जब पढ़ाई करने को मन करे तो उन्हें पढ़ने देना चाहिए। जब उनका मन नहीं करता तो उन्हें कभी फोर्स नहीं करना चाहिए।
फिर ना पड़ने पर उनकी पिटाई और उन पर गुस्सा ना नहीं चाहिए।बल्कि उनसे एक प्रॉमिस करके बाद में पढ़ने के लिए फिक्स करना चाहिए।
क्योंकि कुछ बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं इसलिए आप पढ़ाई का जितना दबाव डालेंगे वह उतना ही नहीं पड़ेंगे इसलिए बच्चों को हमेशा प्यार से समझाएं और जब पढ़ने के लिए बोले तो थोड़ा प्यार से बोले कभी भी अपने बच्चों पर पढ़ाई का दबाव या जबरदस्ती उसे पढ़ने के लिए नहीं बिठाना चाहिए।
- ब्रेक बहुत जरूरी है
बच्चों को लगातार पढ़ाई के बीच में थोड़ा समय का ब्रेक जरूर दें। क्योंकि लगातार पढ़ाई करने से दिमाग थक जाता है और बच्चे पढ़ भी नहीं पाते हैं तथा लगातार पढ़ाई से बच्चों पर नकारात्मक और गलत असर भी हो सकता है जैसे अचानक से पढ़ाई से दिल का उठ जाना, और अगर ऐसा होता है तो यह आप और आपके बच्चे के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है फिर उनका स्वास्थ्य, उनके सामाजिक जीवन, और अकादमिक प्रदर्शन पर।
- लगातार कितने घंटे पढ़ने बिठाएं
45 मिनट से 1 घंटे से ज्यादा लगातार पढ़ने के लिए नहीं बिठाना चाहिए बल्कि उसे बीच-बीच में हर 10 से 20 मिनट तक का छोटा सा ब्रेक जरूर दें। और फिर पेरेंट्स भी बीच-बीच में आकर अपने बच्चों को चेक या फिर उन्हें कोई खुशखबरी या फिर उन्हें कोई अच्छी बात के हैं जो उनका फेवरेट हो।
जैसे हमने कहा : आज मैंने आपके लिए कोई फेवरेट पकवान बनाई है, या फिर हम गर्मी छुट्टी में इस जगह घूमने जाएंगे, या फिर हमने आपके लिए एक सरप्राइज रखा हुआ है।
इससे यह होगा कि बच्चे के दिमाग पर हेडेक और प्रेशर नहीं आएगा बल्कि वह अपने आप को खुलकर पढ़ता हुआ और अपना दिमाग खुला हुआ पाएगा।
- बच्चों को ज्यादा देर टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल पर ना बैठने दें।
आज का समय टेक्नोलॉजी से घिरा हुआ है और आप अपने बच्चों को इससे दूर नहीं रख सकते हैं लेकिन हम थोड़ी देर के लिए अपने बच्चों को रोक तो जरूर सकते हैं जहां तक आप से हो सके अपने बच्चों को कैंप्यूटर मोबाइल पर ज्यादा देर ना बैठने दे इससे यह होगा कि बच्चों को इन चीजों की लत लग जाएगी यानी आदत और फिर आप इसे छुड़ाए नहीं छुड़ा पाएंगे। आपको इन चीजों के लिए शुरू से मेहनत करनी होगी।
- खाली समय में बच्चे क्या कर रहे हैं ध्यान दें।
जितना हो सके बच्चों को पढ़ाई से संबंधित कोई गेम या फिर कोई हिस्टोरियन या फिर कोई प्रेरक और शिक्षा वाली कहानियां सुनाएं।