I can do it

                            मैं कर सकता हूं


 यह शब्द इतना बड़ा है जो आपको फर्श से अर्श पर उठा देगा। क्योंकि जब तक आप यह बात नहीं  ठानेंगे के I can do it तब तक आप कुछ नहीं कर सकते, सबसे पहले आपको खुद आगे आना होगा.

             
           

         I can do it

                           

अपने छोड़कर सपनों के साथ लोगों के ताने को पीछे रखकर आपको आगे आना होगा, इस बूढ़ी कमबखत कमजर्फ दुनिया को कुछ कर दिखाना होगा, आप लोगों ने अब्दुल कलाम साहब की यह बात सुनी या कहीं पढ़ी होगी  " सपने वही देखते हैं जिसमें पूरा करने की ताकत होती है जो कुछ कर जाना चाहते हैं।

अब आपको सबसे पहले कुछ करने के लिए कुछ ना कुछ से शुरू करना होगा, उस समय जब आपके पास कुछ ना हो, आज सबसे बड़ी हमारी परेशानी यह है कि हम कहते हैं हमारे पास कुछ नहीं है, लेकिन यह झूठ है तो आखिर सच क्या है तो आप सच जान लीजिए, सच यही है कि आप ही सब कुछ हैं। हर ताकत आप ही से जुड़ी है। और ना ही इस दुनिया में कोई आप से बड़ा है, हर सपने आपने देखें हैं।


अब आपको पूरा करना है, कुछ ना होने का बहाना छोड़ कर अभी जो कुछ आपके पास है आप शुरू हो जाएगी सोच लीजिए के (हम में क्या है) अब आपको ना ही पीछे मुड़ना है और ना किसी पर ध्यान देना है, खुद में जुनून, बड़ा करो जोश और हिम्मत के साथ आगे आइए आपको यह तमाम बातें छोड़नी होगी के लोग क्या कहेंगे, क्याा होगा हमारा future, हमें इन का  AWARD  क्या मिलेगा।बस आपको ठान लेनी है।


        मैं कर सकता हूं


यही आपकी ताकत है, जब भी आप हार मानने लगें तो एक बार अपने सीने पर हाथ रखकर और जोर से कहिए मैं कर सकता हूं (I can do it) आपको फिर से एक ताकत और अजान मिलेगी जिसे आप करना है।


                        दूसरी बात 

कुछ करना चाहते हैं तो आपको हार का सामना करना होगा, और हारने से नहीं डरना होगा, और हां डर्बी किस बात की हारते वही हैं जिसमें जीतने की चाहत होती है वह अपनी मेहनत अपनी कोशिश और अपने लगन से नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं, जैसे हमारे सामने एक खुला example ABDUL KALAM SAHAB है।



                        असला बात

ठोकर हमेशा मुसाफिरों को ही लगा करती है, जल लंबी और अनोखी अनचाहे रास्ते पर चलना चाहता है। जिसे किसी मंजिल की तलाश होती है, जैसे इस बहते हुए नदी को उल्टी धारा चीर कर अपनी मंजिल तक पहुंचना होता है, बिना रुके, बिना थके, बिना पीछे मुड़े, बिना हार मानें, और हर बार यही कहना होता है


        मैं कर सकता हूं।


एक जिद करनी है बच्चों की तरह, लिए बगैर छोड़ना नहीं है, इतना के वह परमेश्वर अल्लाह या फिर भगवान भी कह दे यह ले तेरे हिस्से की चीज कर ले तू ही जो कुछ करना चाहता है।


                           क्यों

तूने बदल दी अपनी किस्मत की लकीरों को, उठा लिए तूने बेड़े कुछ करने को, इस काम पर मर मिटने को, सर उठा कर जीने को मनवा ही ली तूने अपनी बात, दिया तूने सबको मात, मिटा दिया तूने सबको चौक साप, लिख दिया तूने एक नया पाठ, दिया तूने हर मुश्किल को मात, रच दिया तुने एक नया इतिहास, यह ले अपने हिस्से के चीज कर ले जो तूझे कुछ करना है।


                         नोट


आपको यह भी काम करें, क्या है कोई छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी आप उस काम के प्रति अपने दिलों में उसकी इज्जत करनी होगी, साथ उस काम को मेहनत, ईमानदारी, श्रेष्ठा, सच्चाई के साथ करना होगा.


और सबसे बड़ी बात उस काम से आपको खुद से ज्यादा प्यार करना होगा, इसलिए आप ऐसी चीज को चुनें जिसे आप प्यार करते हो आपको वो काम काम ना लगे बल्कि उस काम को करने में मजा आए, एक सुकून सा मिलता हो।


जब भी आपके Brain में उस काम के बारे में ख्याल आता हो तो आप में एक लचक और आपके चेहरे पर एक खुशी दिखती हो (अब यह कैसे पता चलेगा कि हम किस काम से प्यार करते हैं) यह हम आपको अपनी अगली पोस्ट में बताएंगे, जब तक आप मेरे ब्लॉग को  FOLLOW कीजिए।


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